Edited By pooja,Updated: 30 Apr, 2018 04:54 PM
कउच सालों पहले शुरू हुए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत रायपुर में करीब 10 हजार बच्चे बड़े और नामी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। लेकिन दो साल पहले हालत कुछ और थी
रायपुर: कउच सालों पहले शुरू हुए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत रायपुर में करीब 10 हजार बच्चे बड़े और नामी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। लेकिन दो साल पहले हालत कुछ और थी। दरअसल, आरटीई के तहत बड़े और महंगे इंग्लिश मीडियम स्कूलों में एडमिशन लेने वाले बच्चे अन्य बच्चों के साथ तालमेल नहीं बना पा रहे थे। शायद यह भी एक वजह रही कि एक साल में 300 बच्चे फेल हो गए और स्कूल ही छोड़ दिया।
दरअसल इसके पीछे कारण है कि वे बच्चे साथ पढ़ने वाले दूसरे बच्चों की अंग्रेजी की वजह से भी घबरा रहे हैं। इस वजह से वे बच्चे स्कूल छुड़ना चाहते थे। लेकिन जब इस बात का पता कलेक्टर ओपी चौधरी को लगा तो उन्होंने कम्यूनिटी ट्यूशन के जरिए इन बच्चों की मदद करने की योजना बनाई। ताकि आगे कभी ऐसा न हो। इसके लिए उन्होंने अफसरों, शिक्षकों, समाज के लोगों और युवाओं से योगदान देने की अपील की। इसी का असर है कि आज रायपुर की 50 जगहों पर इन बच्चों के लिए मुफ्त कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। हर सेंटर में 25-30 बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। बच्चों को अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और उनके सिलेबस के मुताबिक पढ़ाया जाता है।