इन कंपनियों में करना होता है बस इतने घंटे काम, मिलती है पूरे महीने की सैलरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 04:55 PM

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हमारे देश में किसी भी कपंनी या अॉफिस में काम करने वाले व्यक्ति के ...

नई दिल्ली : हमारे देश में किसी भी कपंनी या अॉफिस में काम करने वाले व्यक्ति के लिए 8 घंटे काम करना जरुरी होता है। अगर कोई व्यक्ति कंपनी के इस नियम को  मानने से इंकार कर देता है तो उसे कंपनी से निकाल दिया जाता है या उसकी सैलरी में कटौती हो जाती है। हफ्ते में  6 दिन औसत 8 घंटे काम करने के कारण व्यक्ति को अपने जरूरी कामों को पूरा करने के लिए समय ना मिलने के कारण अपने जरुरी काम को पूरा करने के लिए छुट्टी लेनी पड़ती है। छुट्टी लेने की स्थिति में आपकी सैलरी कटने की चिंता रहती है। वहीं कुछ कंपनियां एेसी भी है जहां 8 घंटे काम करने की कोई जरुरत नहीं  हैं ये कंपनियां अपने कर्मचारियों से दिन में सिर्फ 5 घंटे काम कराती हैं और सैलरी पूरे महीने की देती है। आज हम अापको बता रहे हैं उन कंपनियों के बारे में जहां 5 घंटे काम करके पूरी सैलरी पा सकते हैं।  

छुट्टी लेकर करना पड़ता है जरूरी काम
रोजाना 8 घंटे की नौकरी में लोगों को अपने लिए समय निकाल पाना मुश्किल हो जाता है। 8 घंटे की शिफ्ट के बाद कुछ और काम करने की एनर्जी नहीं बचती है। ऐसे में अपने जरूरी काम को निपटाने के लिए ऑफिस से छुट्टी या फिर हाफ डे लेना होता है। काम के घंटे बढ़ने से शरीर पर बुरा प्रभाव भी पड़ता है और प्रोडक्टिविटी भी घटती है।

ये कंपनियां दे रही हैं मौका

एक्यूटी शेड्यूलिंग

ऑनलाइन शेड्यूलिंग कंपनी एक्यूटी शेड्यूलिंग अपने कर्मचारियों से रोजाना सिर्फ 6 घंटे ही काम करवाती है। इतने कम घंटे काम करने के बावजूद कंपनी कर्माचिरयों को पूरी सैलरी और सुविधाएं देती है। कंपनी की फाउंडर और सीईओ गाविन जूच्लिंस्की का कहना है कि 6 घंटे रोजाना काम में भी वही प्रोडक्टिविटी मिलती है जो पहले 8 घंटे काम करने पर मिलती थी। कंपनी के कर्मचारी सुबह तीन घंटे और ब्रेक के बाद फिर दोपहर को तीन घंटे काम करते हैं।

अमेजन
8 घंटे तक लगातार काम से कर्माचारियों की प्रोडक्टिविटी में गिरावट आती है। कंपनियां अपने कर्माचारियों की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए नए-नए प्रयोग करती रहती हैं। अमेजन भी काम करने के घंटे में कटौती की योजना बना रही। कंपनी की योजना 30 घंटे हफ्ते यानी रोजाना 6 घंटे काम कराने की है।

ब्राथ
स्वीडन की ऑनलाइन सर्च ऑप्टिमाइजेशन कंपनी ब्राथ भी अपने कर्मचारियों का ख्याल रखते हुए दिन में सिर्फ 6 घंटे ही काम कराती है। कंपनी का मानना है कि ज्यादा घंटे काम करने से प्रोडक्टिविटी में कमी आती है।

स्टार्ट-अप कंपनी
सैन डिएगो की एक स्टार्ट अप कंपनी में कर्मचारी बिना लंच ब्रेक के सिर्फ 8 बजे से 1 बजे तक काम करते हैं। इस कंपनी में हफ्ते में कुल 25 घंटे ही काम होता है और सैलरी व बेनिफिट्स पूरे मिलते हैं। 
 

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