Edited By pooja,Updated: 10 Oct, 2018 01:02 PM
सीबीएसई बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त उन सरकारी और निजी स्कूलों की इस सप्ताह अचानक परेशानी बढ़ गई जिनमें 9वीं 11वीं में 45 से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं।
नई दिल्ली : सीबीएसई बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त उन सरकारी और निजी स्कूलों की इस सप्ताह अचानक परेशानी बढ़ गई जिनमें 9वीं 11वीं में 45 से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। दरअसल स्कूलों को सीबीएसई द्वारा दिया गया बोर्ड परीक्षा पंजीकरण सॉफ्टवेयर 45 छात्रों से ज्यादा के आवेदन स्वीकार नहीं कर रहा है। इसलिए अधिकतर स्कूली प्रशासन पशोपेश की स्थिति में हैं।
कई स्कूल संचालकों ने इस परेशानी से मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर अवगत कराया है। वहीं कुछ स्कूल संचालक अब कोर्ट जाने की तैयारी भी कर रहे हैं। ज्ञात हो कि 9वीं और 11वीं के छात्र अगले साल 10वीं और 12वीं में आएंगे इसके लिए एक साल पहले ही बोर्ड छात्रों का रजिस्ट्रेशन कराता है। इसी सिलसिले में पहले सीबीएसई ने 9वीं और 11वीं रजिस्ट्रेशन के लिए यह संख्या 40 निर्धारित की थी जब स्कूल संगठनों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद इसे बढ़ाकर 45 छात्र प्रति स्कूल कर दिया गया।
एक निजी स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि यदि स्कूलों में कक्षा 9 के 4 सेक्शन हैं और हर सेक्शन में 30-40 बच्चे हों तो लगभग 100 से ज्यादा बच्चे पंजीकरण से वंचित रह जा रहे हैं। क्योंकि सॉफ्टवेयर सिर्फ 45 बच्चों के पंजीकरण ही स्वीकार कर रहा है। यह सीबीएसई का मनमाना रवैया है पंजीकरण के संख्या को 45 से ऊपर बढ़ाना चाहिए नहीं तो स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों का भविष्य अधर में रह जाएगा।