स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने 10वीं, 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खोलने के निर्णय का स्वागत किया

Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Jan, 2021 12:27 PM

schools welcomed the decision to open schools for students of 10th 12th grade

राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल के प्रधानाचार्यों ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे छात्रों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय और अच्छा माहौल मिलेगा।

एजुकेशन डेस्क: राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल के प्रधानाचार्यों ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे छात्रों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय और अच्छा माहौल मिलेगा।

छात्र संक्रमण से सुरक्षित रहें
मॉडर्न पब्लिक स्कूल, शालीमार बाग की प्रधानाचार्य अल्का कपूर ने कहा, 'छात्रों को स्कूल बुलाने के निर्णय से उन्हें अपनी आगामी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, स्कूल प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसे कई कदम उठाएंगे कि छात्र संक्रमण से सुरक्षित रहें। छात्रों के आने-जाने का सबसे सुरक्षित तरीका यही होगा कि छात्रों को उनके माता-पिता और अभिभावकों के निजी वाहनों द्वारा स्कूल पहुंचाया जाए।'

अभिभावकों की सहमति से ही स्कूल जाएंगे छात्र
उन्होंने कहा, 'एक समय में, केवल कुछ छात्र ही कक्षा में उपस्थित होंगे जिससे स्कूल अधिकारियों को छात्रों के बीच उचित शारीरिक दूरी बनाए रखने और संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी।' दिल्ली सरकार ने बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर 18 जनवरी से 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दी है। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि शारीरिक उपस्थिति अनिवार्य नहीं है और छात्र अभिभावकों की सहमति से ही स्कूल जाएंगे। बहरहाल, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पिछले साल बंद होने के 10 महीने बाद राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल फिर से खुलने जा रहे हैं, जिसके लिए शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी किया है कि सोमवार से स्कूलों में कक्षाएं शुरू होने पर कोविड​​-19 रोकथाम हेतू सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाए।

छात्र बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए स्कूल आएं
एमआरजी स्कूल, रोहिणी की प्रिंसिपल प्रियंका बरारा के अनुसार, सरकार ने अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने की वैकल्पिक व्यवस्था की है, हालांकि उनकी सलाह है कि छात्र बोर्ड परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए स्कूल आएं। उन्होंने कहा, "स्कूलों को पुन: खोलने का निर्णय सही समय पर किया गया है, जब भारत भर में टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है। ये घोषणाएं आने वाले अच्छे समय का संकेत हैं। दिल्ली सरकार ने छात्रों के लिए स्कूल आना अनिवार्य नहीं किया है, लेकिन एक प्राचार्य के रूप में माता-पिता के लिए मेरी सलाह है कि बोर्ड परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए अपने बच्चों को स्कूल भेजें।

10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोलना एक बहुप्रतीक्षित फैसला
बरारा ने कहा, "हम अपने परिसर में पूर्ण सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित करेंगे और अनिवार्य तापमान जांच के साथ, हर समय शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे। बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, इसलिए विस्तृत और कक्षा शिक्षण उनकी परीक्षा की तैयारी के लिए एक बड़ा मददगार साबित होगा।'' माउंट आबू स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा ने कहा, “10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोलना एक बहुप्रतीक्षित फैसला है। यह छात्रों को बोर्ड परीक्षा से पहले उनकी तैयारी को बेहतर करने में मदद करेगा। इन सबसे ऊपर, स्कूल के सभी लोग स्कूल परिसरों में बच्चों को वापस देखने को लेकर काफी उत्सुक और प्रसन्न हैं।''

छात्रों को बेहतर ढंग से पढ़ाई करने में मदद मिलेगी
दिल्ली के 1,500 से अधिक निजी स्कूलों के एक संगठन ‘एक्शन कमेटी ऑफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल (एसीयूपीएस) ने कक्षा 10 और 12 के लिए स्कूल फिर से शुरू करने के फैसले का स्वागत किया है। एसीयूपीएस के महासचिव भरत अरोड़ा ने कहा, "हम दिल्ली सरकार के 18 जनवरी से कक्षा 10 और 12 के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के फैसले का स्वागत करते हैं। इससे स्कूलों को शिक्षण व्यवस्था के अंतर को दूर करने और छात्रों को बेहतर ढंग से पढ़ाई करने में मदद मिलेगी।"

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