Edited By Sonia Goswami,Updated: 23 Jan, 2019 01:18 PM
सेल्फ डिफेंस सीखना अब यूपी में सरकार द्वारा संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा का हिस्सा बनेगा जो ग्रामीण छात्रों को अपने आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान के लिए लड़ने के लिए मदद करेगा।
एजुकेशन डेस्कः सेल्फ डिफेंस सीखना अब यूपी में सरकार द्वारा संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा का हिस्सा बनेगा जो ग्रामीण छात्रों को अपने आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान के लिए लड़ने के लिए मदद करेगा।
यह समय कक्षा 1 से 8 के लड़के-लड़कियों के लिए इस तरफ ध्यान देना है। शिक्षकों ने कहा कि छात्रों को आत्म-रक्षा तकनीकों के लिए एक निविदा उम्र से तैयार होना चाहिए क्योंकि कुछ चीजें समय अनुसार तेजी से सिखी जा सकती हैं।
इतना ही नहीं गोरखपुर के सरदार नगर के तिलौली में प्राथमिक विद्यालय में नियमित रूप से छात्रों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जाता है। स्कूल की मुख्य शिक्षक अल्पना निगम ने कहा कि कक्षा 1 से 5 तक के
छात्रों को तायक्वोंडो में औपचारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। हमने इसके लिए एक प्रशिक्षक, बीना पासवान को नियुक्त किया है। निगम ने कहा कि इस गांव की लड़कियां सेल्फ डिफेंस सीख कर अपने साथ-साथ
दूसरों के लिए भी बचाव दल साबित हो रही हैं।
इसी दौरान कक्षा पांच में पढ़ने वाली खुशबू और अंजलि ने कहा कि यह स्कूल द्वारा एक प्रशंसनीय कदम है और प्रशिक्षण ने उन्हें अधिक आत्मविश्वास दिया है। कक्षा 4 के शुभम को इसका हिस्सा बनना पसंद है और वह एक ईंट को एक लात से तोड़ सकता है। कक्षा 3 की अंकिता ने मोटापे की समस्या को हल करने में प्रशिक्षण को मददगार पाया।
घर को चलाने के लिए लड़कियों को कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। गाजीपुर जिले में एक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय ने एक आईजी आर्मी ब्रिगेड ’का गठन किया है जहां छात्र, छलावरण की वर्दी पहनकर आत्मरक्षा के महत्व पर महिलाओं को शिक्षित करने के लिए अपने गांव में जाते हैं।
गाजीपुर जिले के सैदपुर के सराय कासिम में प्राथमिक विद्यालय के सहायक शिक्षक पीयूष चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि लड़कियों की सुरक्षा और सुरक्षा के डर से घर पर बैठने का कोई मतलब नहीं है। महिलाओं ने दुनिया को यह दिखाने के लिए समय बदल दिया है कि वे क्या करने में सक्षम हैं।