शीला शर्मा ऐसी महिला जिन्होंने अपनी कमियों को सफलता के आड़े नहीं आने दिया। शीला ने महज चार साल में अपने दोनों हाथ और दाहिने पैर की उंगलियां को एक ट्रेन हादसे में गंवा दिया था।
नई दिल्ली: शीला शर्मा ऐसी महिला जिन्होंने अपनी कमियों को सफलता के आड़े नहीं आने दिया। शीला ने महज चार साल में अपने दोनों हाथ और दाहिने पैर की उंगलियां को एक ट्रेन हादसे में गंवा दिया था।
बिना हाथ और पैरों के कैसे जीवन जिया जाता है इसका शायद हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते। पर शीला ने दुनिया को दिखा दिया कि वह और लोगों से अलग नहीं है। ना उन्हें किसी सहारे की जरूरत है और ना किसी के तरस की। उन्होंने अपने बलबूते जिंदगी जीना सीखा।
उन्होंने दूसरे पैर की उंगलियां की मदद से लिखना और चित्रकारी करना शुरू किया। वह प्रकृति और महिला पर आधारित विषयों पर चित्रकारी बनाती हैं। उनकी बनाई हुई पेंटिंग पर ये यकीन करना कि पेंटिग में हाथों से नहीं बल्कि पैरों से रंग भरे गए हैं। वह अपनी पेंटिग दिल्ली, लखनऊ, बेंगलुरु और मुंबई में एग्जीविशन में लगा चुकी हैं।
शीला बताती हैं कि उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। लेकिन आज मेहनत रंग लाई। शीला आज फुट पेंटर के नाम से भी जानी जाती हैं।
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