सामाजिक संस्थाओं  लोगों में फैलाएं पर्यावरण के बारे में जागरूकता : कोविंद

Edited By pooja,Updated: 25 Oct, 2018 05:28 PM

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं को लोगों के बीच जागरूकता फैलानी चाहिए कि सभी त्योहार इस प्रकार मनाएं जाएं जिससे पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं को लोगों के बीच जागरूकता फैलानी चाहिए कि सभी त्योहार इस प्रकार मनाएं जाएं जिससे पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े तथा शांति और सौहार्द बना रहे और आर्य समाज जैसे संस्थान इन कार्यों में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ यह शरद-कालीन उत्सवों का समय है। इस समय दिल्ली जैसे शहरों के वातावरण में प्रदूषण की वजह से सांस लेने की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। बच्चों और बुजुर्गों पर इसका अधिक असर पड़ता है ।’’      


उन्होंने कहा कि ऐसे में सामाजिक संस्थाओं को लोगों के बीच जागरूकता फैलानी चाहिए कि सभी त्योहार इस प्रकार मनाएं जाएं जिससे पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े तथा शांति और सौहार्द बना रहे।  राष्ट्रपति ने स्वामी दयानंद सरस्वती का उल्लेख करते हुए कहा कि 19वीं शताब्दी में जब हम अपनी संस्कृति एवं मान्यताओं को पश्चिमी संस्कृति से कमतर मानने लगे थे, उस समय स्वामी दयानंद सरस्वती ने आत्मसम्मान का मार्ग दिखाया था।

      


उन्होंने कहा, ‘‘ स्वामी दयानंद सरस्वती की तर्क-शक्ति और समाज के हर व्यक्ति के कल्याण की उनकी ²ष्टि का लोगों पर गहरा असर पड़ा और आर्य समाज की लोकप्रियता और शक्ति बढ़ती गई। उन्नीसवीं सदी में ही स्वामी जी ने यह समझाया कि स्त्रियों के अधिकार पुरुषों के ही समान होने चाहिए।’’  राष्ट्रपति ने कहा कि वे सामाजिक एवं आध्यात्मिक सुधार के योद्धा थे और उन्होंने शैक्षणिक एवं सामाजिक सुधार की दिशा में प्रभावी कदम उठाया और खास तौर पर अस्पृश्यता को समाप्त करने एवं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम किया।      

 


उन्होंने कहा कि यह प्रसन्न्ता का विषय है कि इस महासम्मेलन के दौरान अंधविश्वास की रोकथाम, आधुनिकीकरण, महिला सशक्तिकरण, आदिवासी कल्याण और प्राकृतिक आपदाओं का प्रबंधन जैसे विषयों पर चर्चा होगी । राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया भर में आर्य समाज की दस हजार इकाइयां कल्याण गतिविधियों में जुटी हुई है । आर्य समाज ने नैतिकता पर आधारित आधुनिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने और समाज के हर वर्ग के लोगों खासतौर पर महिलाओं एवं वंचित तबकों के उत्थान में महत्वपूर्ण कार्य किया है। इसमें खासतौर पर देश में स्कूलों एवं कालेजों की स्थापना शामिल है।  कोविंद ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती साल 2024 में मनायी जायेगी।  अंतरराष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन में 32 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। यह सम्मेलन 28 अक्टूबर तक चलेगा। 

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