Edited By pooja,Updated: 03 Dec, 2018 05:26 PM
बोर्ड की परीक्षा नजदीक आते ही शिक्षा निदेशालय द्वारा सरकारी स्कूलों में परिणाम को सुधारने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। ऐसे में 9वीं कक्षा के मिड टर्म परीक्षा और 12वीं कक्षा के बार्ड परीक्षा
नई दिल्ली: बोर्ड की परीक्षा नजदीक आते ही शिक्षा निदेशालय द्वारा सरकारी स्कूलों में परिणाम को सुधारने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। ऐसे में 9वीं कक्षा के मिड टर्म परीक्षा और 12वीं कक्षा के बार्ड परीक्षा के परिणाम में सुधार के लिए शिक्षा निदेशालय ने अहम निर्णय लिया है। इसके तहत दिल्ली के सभी स्कूलों में संगोष्ठियों, परिणाम विश्लेषण बैठकें, उपचारात्मक वर्ग और ब्लॉक टीचिंग अन्य विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। बता दें कि यह सभी कार्यक्रम एचओएस की नेतृत्व में किए जाएंगे।
इसके साथ ही मिड टर्म परीक्षा 2018-19 का परिणाम विश्लेषण सभी संबंधित एचओएस और डीडीई द्वारा अपने संबंधित जिलों के लिए किया गया है। इसके साथ ही शिक्षा निदेशालय द्वारा कई निर्देश भी दिए गए है। इसमें स्कूलों के अंदर सभी शिक्षक और नॉन टीचिंग स्टॉफ विद्यालय शुरू होने से पांच मिनट पहले आए। इसके साथ ही फरवरी तक किसी भी स्कूल के शिक्षकों को छुट्टी पर न भेजा जाए। जब तक को आपातकाल स्थिति न हो।
वहीं, देर से स्कूल आने वाले छात्रों पर कमान कासने के लिए शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि अगर कोई भी छात्र स्कूल में देरी से आता है, तो प्रिसिंपल द्वारा अभिभावकों को बुलाया जाए। साथ ही उनकी कॉउंसिलिंग की जाए। ताकि बच्चा स्कूल में समय से पहुंचे। इसके अलावा, यह भी निर्देश दिया गया है कि अगले तीन महीनों तक 28 फरवरी 2019 तक स्कूलों की अचूक निरीक्षण की टीम अकादमिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी। साथ ही अपनी रिपोर्ट जारी करेगी, जोकि डीडीई को भी रिपोर्ट की प्रतिलिपि देगी। कार्रवाई की निगरानी के लिए एचओएस द्वारा सप्ताह में कम से कमद दो बार निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है।