Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Jan, 2021 12:24 PM
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करने की जरूरत है।
एजुकेशन डेस्क: केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करने की जरूरत है। निशंक ने कहा कि शिक्षा नीति 2020 सभी पहलुओं में क्रांतिकारी है और कई पहलुओं पर तवज्जो देती है जैसे यह शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर मातृ भाषा को बढ़ावा देती है, माध्यमिक स्तर पर छात्रों को व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण देने की बात कहती है तथा इसमें अन्य नए सुधार हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति व्यापक शिक्षा के अवसरों के लिए उच्च शिक्षा में अंतर्विषयक अध्ययन और एकीकृत पाठ्यक्रम का उल्लेख करती है। साथ में इसका मकसद भारत के युवाओं को मूल्य आधारित समावेशी शिक्षा देना, वैज्ञानिक मिज़ाज को विकसित करना और कौशल प्रशिक्षण देना है। मंत्री ने कहा कि यह नीति शिक्षण-सीखने की प्रक्रिया में तकनीक के अधिक उपयोग के लिए रूपरेखा तैयार करने, ऑनलाइन पाठ्यक्रम सामग्री को विकसित करने, राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ) स्थापित करने की जरूरत पर भी विचार करती है जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारतीय छात्रों को लाभान्वित करेगा।
एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, उन्होंने वैश्विक शांति के विकास के लिए समाज और युवाओं के जीवन में बदलाव के वास्ते एनईपी- 2020 के सभी नए प्रावधानों के सफल कार्यान्वयन के लिए ‘प्रदर्शन, सुधार और परिवर्तन का मंत्र दिया। इससे पहले निशंक ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से अंतरराष्ट्रीय अखंड सम्मेलन ‘एडुकॉन- 2020' की शुरूआत की थी। पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा (सीयूपीबी) द्वारा ग्लोबल एजुकेशन रिसर्च एसोसिएशन (जीईआरए) के साथ भागीदारी में और सीयूपीबी के कुलपति प्रो. (डॉ.) राघवेंद्र पी. तिवारी व पद्म श्री डॉ. महेंद्र सोढ़ा (संरक्षक, जीईआरए) के संरक्षण में इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में, ब्रिटेन, कनाडा, थाईलैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भूटान और भारत के छात्र हिस्सा ले रहे हैं।