Edited By pooja,Updated: 17 Jan, 2019 10:27 AM
शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर किए गए 13वें एनुअल स्टेट्स आफ एजूकेशन रिपोर्ट (असर) 2018 में पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों ने गणित के हौव्वे
लुधियाना (विक्की) : शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर किए गए 13वें एनुअल स्टेट्स आफ एजूकेशन रिपोर्ट (असर) 2018 में पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों ने गणित के हौव्वे को ठेंगा दिखाते हुए पिछले वर्षों के मुकाबले अदभुत सुधार किया है। असर की ओर से किए सर्वे में शिक्षा सुविधाएं और शिक्षा प्रगति को प्रसारित करती रिपोर्ट हाल ही में जारी की गई है, जिसमें 2018 के सर्वे दौरान पंजाब के गांवों के 3 से 16 वर्षों तक के बच्चों की स्कूली स्थिति और बच्चों को स्कूलों में पढ़ाई के बुनियादी सिद्धांतों की जानकारी पर ध्यान केंद्रित किया गया।
वर्णनीय है कि यह सर्वे भारत की गैर-सरकारी संस्था प्रथम द्वारा किया जाता है और पता लगाया जाता है कि क्या बच्चे स्कूलों में जा रहे हैं? क्या बच्चे आसान पाठ-पुस्तकें पढ़ सकते हैं और गणित के बुनियादी सवाल हल कर सकते हैं। शिक्षा विभाग पंजाब की ओर से इस सुधार का श्रेय ‘पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब’ को दिया जा रहा है।
स्कूलों में 6 से 14 वर्ष के बच्चों के बढ़े दाखिले
जारी रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों की दाखिला दर बहुत ऊंची आई है, जिससे पंजाब में शिक्षा प्रति चेतनता की बात सामने आई है। रिपोर्ट में मुख्य बात सामने आई है कि जहां प्राइवेट स्कूलों के प्रति रुझान कम हुआ है, वहीं सरकारी स्कूलों में विद्याॢथयों की गुणात्मक शिक्षा की तरफ भी ध्यान दिया गया है।
किस कक्षा के छात्रों में कितना दिखा सुधार
गणित विषय की बात करें तो पंजाब में पढ़ते तीसरी कक्षा के घटाव करने वाले बच्चों में 2016 (36.3 प्रतिशत) के मुक़ाबले 2018 में (40.5 प्रतिशत) 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पंजाब में 5वीं कक्षा के वह बच्चे जो भागफल के सवाल हल कर सकते हैं में 2014 के मुक़ाबले 2018 में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2014 में यह संख्या 37.1 प्रतिशत रहा था जो कि 2018 में 50.1 प्रतिशत हुआ है। कक्षा 8वीं की बात करें तो सरकारी स्कूलों के बच्चों में भागफल करने की कसौटी पर सुधार देखने को मिला है, जबकि निजी स्कूलों की प्रगति में कमी आई है। सरकारी स्कूलों का आंकड़ा 48 प्रतिशत से 58.4 प्रतिशत हुआ है। निजी स्कूलों का यह आंकड़ा 72 प्रतिशत से कम होकर 68.6 प्रतिशत रह गया है।
2016 की अपेक्षा परर्फोमैंस में दिखी बेहद प्रगति
गणित विषय के लिए तैयार किए गए जांच पत्र में अंक पहचान, संख्या पहचान घटाव और भागफल के सवाल दिए गए थे, जिसमें चौथी से 8वीं तक 2016 के मुकाबले 2018 में प्रगति देखने को मिली है। चौथी कक्षा के बच्चे जो घटाव कर सकते हैं 2016 में 27 प्रतिशत थे और 2018 में 32.7 प्रतिशत हुए हैं। 5वीं के 42.4 से 50.1 प्रतिशत हुए हैं। 6वीं में 37.1 से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गए हैं, जो पिछले दो वर्षों में 17.9 प्रतिशत बढ़े हैं। 7वीं में 39 प्रतिशत से 51.6 प्रतिशत हुए हैं और 8वीं में यह दर 48 से 58.4 प्रतिशत है।