Edited By pooja,Updated: 01 Aug, 2018 10:16 AM
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने कहा है कि शिक्षकों और अभिभावकों को छात्रों पर उनके प्रदर्शन के आधार पर ‘ठप्पा’ नहीं लगाना चाहिए और उन्हें प्राप्त ग्रेड की अन्य छात्रों के साथ तुलना नहीं करनी चाहिए।
नई दिल्ली : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने कहा है कि शिक्षकों और अभिभावकों को छात्रों पर उनके प्रदर्शन के आधार पर ‘ठप्पा’ नहीं लगाना चाहिए और उन्हें प्राप्त ग्रेड की अन्य छात्रों के साथ तुलना नहीं करनी चाहिए।
एनसीईआरटी ने निरंतर एवं व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिनमें कहा है कि मूल्यांकन का मतलब आमतौर पर अंक, ग्रेड या अन्य साधनों से छात्रों के प्रदर्शन की एक-दूसरे से तुलना करना माना जाता है जिसमें उनकी कमजोरी को सामने लाया जाता है। लेकिन उससे उनका अपमान होता है और उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है। इसमें कहा गया है कि बच्चे के प्रदर्शन की तुलना उसके सहपाठियों से करने के बजाए उसके अपने पहले के प्रदर्शन से की जाए। इससे उसकी सीखने की और विकास की जरूरतों को पहचाना जा सकेगा जिससे उसे अपमानित किए बगैर वह मदद दी जा सकेगी जिसकी उसे जरूरत है। उससे वह ज्यादा सीख पाएंगे और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। शिक्षा परिषद ने कहा कि सीसीई को अकेले शिक्षक की जिम्मेदारी नहीं समझा जाना चाहिए।