Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Feb, 2018 12:04 PM
विदेशी यूनिर्विसटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को अब जल्द नीट की परीक्षा पास करनी होगी, क्योंकि सरकार...
नई दिल्ली : विदेशी यूनिर्विसटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को अब जल्द नीट की परीक्षा पास करनी होगी, क्योंकि सरकार उनके लिये यह परीक्षा अनिवार्य करने की योजना बना रही है ताकि सिर्फ सक्षम छात्र ही विदेशों के विश्वविद्यालयों में दाखिला ले सकें। वर्तमान में देश में किसी भी सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज में पढऩे के इच्छुक छात्रों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) पास करनी होती है। यह परीक्षा वर्ष 2016 से अस्तित्व में आयी थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल जो विद्यार्थी चिकित्सा की पढ़ाई करने के लिए विदेश जाते हैं, उनमें करीब 12 से 15 प्रतिशत स्नातक ही फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स एक्जामिनेशन (एफएमजीई) की परीक्षा में उत्तीर्ण हो पाते हैं। इस परीक्षा का आयोजन भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) करता है।उन्होंने बताया, ‘‘विदेश से पढ़ाई कर लौटने वाले छात्रों में से मुश्किल से 12 से 15 प्रतिशत स्नातक ही फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स एक्जामिनेशन (एफएमजीई) की परीक्षा पास कर पाते हैं। अगर वे एफएमजीई की परीक्षा पास नहीं करते हैं तो भारत में डॉक्टरी के लिये पंजीकृत नहीं होते पाते हैं।’’
अधिकारी ने बताया, ‘‘ऐसे मामलों में वे गैर कानूनी रूप से डॉक्टरी का पेशा चलाते हैं जो खतरनाक हो सकता है। इसलिए इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सिर्फ सक्षम छात्र ही विदेशों के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के लिये जायें।’’ वर्तमान में मेडिकल पाठ्यक्रम का अध्ययन करने के इच्छुक छात्रों को भारत के बाहर किसी मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिये एमसीआई से आवश्यक र्सिटफिकेट लेना होता है। हर साल करीब 7,000 छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिये विदेश जाते हैं। उनमें से अधिकतर चीन और रूस जाते हैं। अधिकारी ने कहा कि नये प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद भारत से बाहर जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक उन्हीं छात्रों को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दिया जायेगा जिन्होंने नीट की परीक्षा पास की हो। सी शिकायतें थीं कि एफएमजीई के प्रश्नपत्र बेहद कठिन होते हैं और इसके चलते विदेश से आये छात्र इसमें उत्तीर्ण नहीं हो पाते। लेकिन एफएमजीई पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिये बनी समिति ने इसे बिल्कुल उपयुक्त एवं प्रासंगिक पाया।