Edited By ,Updated: 14 Nov, 2016 05:25 PM
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है ये लाइनें सुनी और बोली तो खूब जाती है, लेकिन मुश्किल होता इनको आत्मसात कर...
नई दिल्ली : मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है ये लाइनें सुनी और बोली तो खूब जाती है, लेकिन मुश्किल होता इनको आत्मसात करना, और जो ऐसा करते है, वो मिसाल बन जाते है और ये सब इन बच्चों ने सच कर दिखाया है। बता दें कि 14 साल के शुभेंदु कुमार साहू को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से नेशनल चाइल्ड अवार्ड फॉर एक्सेप्शनल अचीवमेंट के लिए सिल्वर मेडल मिला है।
शुभेंदु उड़ीसा के हिंजली में सोमापुर प्रोजेक्ट अपर प्राइमरी स्कूल की कक्षा 8 में पढ़ता है। साहू अब तक कई एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भाग ले चुका है और राज्य व राष्ट्रीय स्तर के कई अवार्ड जीत चुका है। वहीं दूसरी ओर 11 साल की अन्विता प्रशांत तेलांग, पुणे की रहने वाली है। इस बच्ची ने गूगूल का 'डूडल 4 गूगल' कांटेस्ट जीता है. और अब इसके डिजाइन किए गए डूडल को गूगल के होमपेज पर 14 नवंबर 2016 को पूरे दिन देखा जा सकता है।