Edited By Riya bawa,Updated: 23 Sep, 2019 10:20 AM
यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित...
नई दिल्ली: यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर मेघा अरोड़ा ने 2017 में, तीसरी बार में सिविल सर्विस परीक्षा में 108वीं रैंक हासिल की।
मेघा अरोड़ा सिविल सर्विस एग्जाम क्लीयर करने वाले उन कैंडीडेट्स में से हैं जिन्होंने जिन्होंने तैयारी के लिए कोचिंग की मदद नहीं ली। मेघा ने यूपीएसीस एग्जाम को सेल्फ स्टडी कर पास किया। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन विदेश से करने वाली मेघा ने 20 साल की उम्र में ही ये यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला कर लिया था, जिसके लिए उन्होंने 23 साल की उम्र में तैयारी शुरू की।
2014 में पहली बार दी UPSC परीक्षा
मेघा ने यूपीएससी की परीक्षा पहली बार साल 2014 में दी। पहली बार में उन्हें प्रीलिम्स में भी सफलता नहीं मिली, इसमें 5 मार्क्स से चूक गईं। दूसरी बार के प्रयास में वे 4 नंबर से पीछे रह गईं, फिर उन्होंने दूसरे अटेम्प्ट के बाद ब्रेक ले लिया।
दो बार मिली असफलता
तीसरे अटेंप्ट के लिए तैयारी के दौरान उन्होंने अपनी स्ट्रेटजी बदली, पहली दो बार में मिली असफलता से निराश होने के बजाय मेघा ने अपनी तैयारी को मजबूत बनाया। मेघा के मुताबिक ये एग्जाम है लंबा प्रोसेस है इसमें धैर्य और पॉजिटिविटी बनाए रखना बेहद जरूरी है।
ऐसे की एग्जाम की तैयारी
-मेघा ने हर रोज 6 से 7 घंटे पढ़ाई की, सेल्फ मोटिवेट होकर परीक्षा को क्रैक किया। 2017 में तीसरी बार सिविल सर्विस परीक्षा दी और 108 वीं रैंक हासिल कर सफलता तीसरी हासिल की।
-परीक्षा क्रैक करने को लेकर उम्मीद न छोड़ें, एक बार उम्मीद छोड़ी तो क्रैक नहीं कर पाएंगे। जब तैयारी करें तो खुश और रिलैक्स रहें। एन्जॉय करते हुए तैयारी करेंगे तो एग्जाम को पास करना मुश्किल नहीं होगा।