IAS Success Story- 22 साल की उम्र में क्रैक किया UPSC एग्जाम, जानें सफलता का सीक्रेट

Edited By Riya bawa,Updated: 14 Aug, 2020 01:03 PM

success story of ias topper mukund kumar

आधुनिक युग में कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं है, लेकिन कुछ बातों का ख्याल रखा जाए तो करियर को आसानी से ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में और बेहद कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर लेते हैं। इन्हीं होनहारों...

नई दिल्ली- आधुनिक युग में कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं है, लेकिन कुछ बातों का ख्याल रखा जाए तो करियर को आसानी से ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में और बेहद कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर लेते हैं। इन्हीं होनहारों में से एक हैं मुकुंद कुमार। महज 22 साल के मुकुंद कुमार ने यूपीएससी परीक्षा 2019 को पहले ही अटेंप्ट में पास किया। इस परीक्षा को पहली बार में पास करना अपने आप में बड़ी बात है।

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मुकुंद ने सैनिक स्कूल असम से 12वीं की इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएशन की। मुकुंद ने भले यह परीक्षा पहली बार में पास कर ली हो पर इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत और स्मार्ट प्लानिंग रही है जिसकी वजह से ही मुकुंद ने यूपीएससी परीक्षा पास की और साथ ही टॉपर्स की सूची में भी शामिल हुए।

जानें मुकुंद की सफलता का सीक्रेट

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कई वर्षों की मेहनत और प्लानिंग
यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए मुकुंद की सालों की मेहनत और स्मार्ट प्लानिंग रही। उन्होंने इसकी तैयारी के लिए दो से तीन साल दिए। परीक्षा की तैयारी इतनी होने के कारण ही उन्होंने पहली बार परीक्षा दी और पहली ही बार में एग्जाम पास कर टॉपर्स में शामिल हुए उनकी AIR-54 है।

सिविल सर्विसेस को चुनने का कारण
सैनिक स्कूल असम से 12वीं और दिल्ली यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएशन करने वाले मुकुंद कहते हैं, इस परीक्षा में सफल होने के लिए सिविल सर्विसेस को चुनने के पीछे सही कारण का होना बहुत जरूरी है, इससे कैंडिडेट को मोटिवेशन मिलता रहता है।चूंकि परीक्षा की तैयारी में काफी वक्त लगता है इसलिए सही मोटिवेशन का होना बहुत जरूरी है।

ये है टिप्स
-मुकुंद ने परीक्षा के नेचर को बेहतर तरीके से समझा, उसके बाद तैयारी में जुटे और हर छोटी चीज को समझने में पूरा टाइम दिया।
तैयारी पूरी कर उन्होंने रिवीजन पर ध्यान दिया। मुकुंद परीक्षा की तैयारी को लेकर श्योर थे। सेलेक्शन में कोई शंका नहीं थी।

-मुकुंद बाकी कैंडिडेट्स की तरह इस बात पर यकीन करते हैं कि इस परीक्षा की तैयारी इंटीग्रेटेड होनी चाहिए लेकिन साथ ही उनका यह भी कहना है कि प्री परीक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती है।

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- तैयारी शुरू करने से पहले तीनों परीक्षाओं को दिमाग में रखकर लेकिन जब प्री परीक्षा का समय नजदीक आये तो केवल प्री पर फोकस करें। वे मानते हैं प्री परीक्षा के लिए कम से कम 6 महीने का डेडिकेटेड टाइम देना बहुत जरूरी है।

-मुकुंद का कहना है कि सभी एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ना जरूरी नहीं है,  उन्होंने केवल ज्योग्राफी की एनसीईआरटी पढ़ी थी बाकी उन्होंने स्टैंडर्ड किताबों से ही तैयारी की थी।


 

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