Edited By Riya bawa,Updated: 19 Jun, 2020 01:04 PM
हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर महाराष्ट्र फॉरेस्ट सर्विस परीक्षा पास...
नई दिल्ली: हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर महाराष्ट्र फॉरेस्ट सर्विस परीक्षा पास कर ली है। यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं।
लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में और बेहद कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर लेते हैं। इन्हीं होनहारों में से एक हैं मध्य प्रदेश, इंदौर के रहने वाले श्रेयांश। बार-बार असफल होने वाले श्रेयांश को 63वीं बीपीएससी परीक्षा में सेलेक्ट हो जाने की उम्मीद तो थी पर टॉप कर जाएंगे ये उन्होंने कभी नहीं सोचा था।
जानिए श्रेयांश से उनकी सफलता का सीक्रेट्स
श्रेयांश का यह सफर काफी लंबा और कठिन रहा पर इरादों के मजबूत श्रेयांश ने कभी हार नहीं मानी और हमेशा खुद को ये कहकर मोटिवेट किया कि उनसे भी बुरे हालातों में लोगों ने परीक्षा दी है और चयनित भी हुए हैं।
पढ़ाई और बैकग्राउंड
#श्रेयांश की स्कूलिंग कटनी में सेंट पॉल और सेंट्रल स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने साल 2011 में भोपाल के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। श्रेयांश ने कॉलेज के समय से ही यूपीएससी परीक्षा में बैठने का मन बना लिया था और उसी के हिसाब से तैयारियां शुरू कर दी थी।
#कॉलेज खत्म करते ही उन्हें कई बड़ी कंपनियों से जॉब ऑफर मिला यही नहीं अपने पहले ही अटेम्पट में श्रेयांश यूपीएससी के साक्षात्कार राउंड तक पहुंच गए पर वहां से आगे नहीं बढ़ पाये।
#श्रेयांश की जिंदगी में साल 2015 के पहले तक सब बढ़िया चल रहा था कि साल 2015 में तीन महीने के अंदर उनके घर में तीन डेथ्स हो गयीं। श्रेयांश इससे काफी हिल गये क्योंकि उनमें एक तो उनके पिताजी ही थे यही नहीं कुछ दिनों के बाद जिस बीमारी से उनके पिताजी की मृत्यु हुयी थी, वही बीमारी उनके चाचा को भी हो गयी और वो अस्पताल में पड़ें मौत से जूझ रहे थे. थोड़े दिनों बाद मां को भी हार्ट अटैक आ गया।
इन हालातों में श्रेयांश का पढ़ाई कार्यक्रम काफी प्रभावित हुआ पर उन्होंने खुद को समझाया की लोग इससे भी बड़ी समस्याओं से उबर जाते हैं। श्रेयांश ने खुद को समेट कर फिर से परीक्षा की तैयारी करनी शुरु दी।
एग्जाम क्रैक करने के जरूरी ट्रिक्स
बीपीएससी परीक्षा को क्लियर करने के लिए छात्रों को इन टिप्स को फॉलो करना चाहिए -
1. बेसिक्स से करें शुरू
एग्जाम की तैयारी के लिए नोट्स बनाना बेहद जरूरी है और उन्हीं पर अंत तक विश्वास रखें। श्रेयांश अपनी स्ट्रेटजी बनाने पर जोर देने से ज्यादा इस बात पर जोर देते हैं कि जो भी स्ट्रेटजी बनायें उस पर स्टिक रहें। ऐसा न करें कि चार दिन उसे फॉलो किया फिर छोड़ दिया।
2. शुरू से लेकर अंत तक प्लांड वे में काम करें
श्रेयांश ने कोचिंग ली थी और अपनी सफलता का बड़ा श्रेय वे अपने शिक्षकों को देते हैं। वे कहते हैं जो गाइडेंस उनसे मिलता है, वो लाजवाब होता है। पहले श्रेयांश एमपी के अपने घर में ही रहकर पढ़ते थे फिर उन्हें ऐसा लगा कि वे अपने कुकून में ही सिमटे जा रहे हैं इसलिये उन्होंने दिल्ली का रुख किया। वहां और बच्चों को देखकर वे ज्यादा मेहनत करने के लिये मोटिवेट हुए।
3. मॉक टेस्ट किये सॉल्व
श्रेयांश ने खूब मॉक टेस्ट दिए साथ ही आंसर लिखने की भी जमकर प्रैक्टिस की। यही नहीं अपने आंसर लिखकर वे किसी जानकार को दिखाते थे कि इसमें क्या कमी है फिर उसे दूर करते थे।
4. बीपीएससी परीक्षा के लिए बहुत ज्यादा बिहार केंद्रित तैयारी की जरूरत है क्योंकि कुछ प्रश्न ही इससे संबंधित आते हैं हालांकि साक्षात्कार के पहले जरूर उन्होंने बिहार के बारे में अच्छा ज्ञान इकट्ठा कर लिया था।
5. पढ़ाई का जो भी शेड्यूल बनाएं उसे रोज़ फॉलो करें। दो दिन जमकर पढ़ लेने और एक दिन का ब्रेक लेने से रिद्म टूट जाती है जितने घंटे भी पढ़ें रोज़ पढ़ें किताबों के विषय में वे मानते हैं कि कुछ ही किताबें हैं जो लगभग सभी स्टूडेंट्स पढ़ते हैं बस महत्व यह रखता है कि पढ़ा हुआ आपको कितना याद रहा या आपने कितने अच्छे से रिवाइज़ किया।
6. सही मार्गदर्शन के साथ तैयारी करेंगे तो मेहनत और लगातार प्रयास के दम पर यह परीक्षा पास की जा सकती है। श्रेयांश के साथ भी ऐसा ही हुआ और सफलता मिलने के बाद एसडीएम पद पर उनकी तैनाती हुई।