Edited By Sonia Goswami,Updated: 26 Jun, 2018 09:05 AM
SUPRA SAEINDIA (Society of Automotive Engineers India) भारत की सबसे बड़ी फॉर्मूला स्टूडेंट प्रतियोगिता है।
नई दिल्लीः SUPRA SAEINDIA (Society of Automotive Engineers India) भारत की सबसे बड़ी फॉर्मूला स्टूडेंट प्रतियोगिता है। 2011 से शुरू हुई यह प्रतियोगिता अब काफी पॉपुलर होती जा रही है। इसमें इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स को ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में प्रतिभा दिखाने का शानदार मौका मिलता है। हर साल की तरह 2018 में भी इसका आयोजन हुआ और शारदा ग्रुप के प्रतिष्ठित संस्थान हिन्दुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के ऑटोमोबाइल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रों का कारनामा देखकर हर कोई दंग रह गया।
हिन्दुस्तान कॉलेज के ऑटोमोबाइल एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों ने सुप्रा एसएई इंडिया 2018 में फार्मूला-1 कार बनाई, जिसे कई खूबियों से लैस किया गया है। 11 से 16 जून तक चली इस प्रतियोगिता में देशभर के बड़े-बड़े संस्थान जैसे आईआईटी, एनआईटी समेत कई नामी कॉलेजों के छात्रों के हिस्सा लिया।
यूं तो सुप्रा एसएई इंडिया 2018 में कुल 126 टीमों के 3 हजार 500 छात्रों ने भाग लिया, लेकिन सिर्फ 27 टीमें ही टेक्निकल इन्स्पेक्शन राऊंड पार कर सकीं। इन 27 टीमों में हिन्दुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी के भी छात्र शामिल रहे। ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के प्रवक्ता और मार्गदर्शक सुमित पांचाल ने बताया कि एसएई इंडिया हर साल नेशनल लेवल पर सुप्रा नाम से प्रतियोगिता का आयोजन करती है, जिसे मारूति सुजुकी और अन्य बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां स्पॉन्सर करती हैं।
सुमित पांचाल ने बताया कि हिन्दुस्तान कॉलेज के छात्रों की टीम ने 'प्लास्टर रेसिंग' नाम से प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस टीम ने बुद्ध इंटरनैशनल सर्किट, ग्रेटर नोएडा में आयोजित सुप्रा एसएई इंडिया के अंतिम राऊंड में लोहा मनवाया और सफलतापूर्वक इसे पास किया।
हिन्दुस्तान कॉलेज की टीम के कप्तान यश अग्रवाल ने बताया कि उनकी टीम ने इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए एक साल पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। छात्रों ने प्रतियोगिता में वन सीटर फार्मूला-1 व्हीकल पेश किया, जिसकी स्पीड 150 किलोमीटर प्रति घंटा तक जाती है। इसकी लंबाई 2500 एमएम और चौड़ाई 1300 एमएम है। इसका इंजन केटीएम ड्यूक 390 बाइक का है जो कि ऑस्ट्रेलिया मेड है। इसका इंजन 43 बीएचपी का है, जो कि काफी पावरफुल माना जाता है।
हिन्दुस्तान कॉलेज के मैकेनिकल डिपार्टमेंट के हेड पुनीत मंगला ने बताया कि अंतिम राउंड के सिंगल सीटर फार्मूला-1 व्हीकल के डिजाइन के अलग-अलग पहलुओं पर विश्लेषण करना होता है। उन्होंने बताया कि 11 छात्रों की इस टीम के छात्रों को अलग-अलग काम बांटे गए। जैसे- कप्तान यश अग्रवाल ने टीम प्रबंधन और सस्पेंशन महत्वपूर्ण योगदान दिया।
फार्मूला 1 कार की चेसिस का डिजाइन और विश्लेषण चिराग जैन ने किया। वाहन का पावर ट्रेन और ब्रेकिंग सिस्टम छात्र हर्षित गुप्ता ने किया। टीम के उप कप्तान रोहन जैन सस्पेंशन और स्टेरिंग का कार्य किया। वाहन के फेब्रिकेशन से जुड़ा कार्य सान ई इलाही और आदित्य राज ने किया। इंजन का कार्य नवनीत तिवारी और इमरान अली ने संभाला। वहीं, मार्केटिंग का पूरा काम धनेन्द्र और अनुज सौनी ने पूरा किया।
छात्रों के कौशल और हुनर के दम पर ही हिन्दुस्तान कॉलेज की टीम की बनाई हुई फार्मूला-1 कार बुद्ध इंटरनैशनल सर्किट तक पहुंची। इस फार्मूला कार को बनाने में 5.5 लाख रुपए का खर्चा आया। इसे बनाने के लिए हिन्दुस्तान कॉलेज ने छात्रों की पूरी मदद की। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट, ग्रेटर नोयडा में मारूति सुजूकी के पूर्व हेड आईबी राव ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता से देश के लिए कुशल इंजीनियर पैदा होंगे।
शारदा ग्रुप के वाइस चेयरमैन वाईके गुप्ता और ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रदीप महथा ने ऑटोमोबाइल एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के शिक्षक और फार्मूला-1 कार बनाने वाले छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज के समय में योग्य एवं कुषल इंजीनियर इसी तरह की प्रतियोगिता से निखर के आते हैं, जो देश और संस्थान का नाम रोशन करते हैं।
संस्थान के निदेशक डॉक्टर राजीव कुमार उपाध्याय ने ऑटोमोबाइल एंड मैकेनिकल डिपार्टमेंट की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए डिपार्टमेंट औरर टीम 'प्लास्टर रेसिंग' को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हर साल सुप्रा एसएई इंडिया प्रतियोगिता आयोजित करता है। प्रतियोगिता में हर टीम को एक सिंगल सीटर फार्मूला-1 व्हीकल बनाना पड़ता है, जिसका डिजाइन विद्यार्थी खुद बनाते हैं और परीक्षण भी करते हैं। इससे छात्रों में प्रयोगात्मक कार्य कौशल का ज्ञान मिलता है। संस्थान के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रोफेसर वीके शर्मा ने पूरे प्रोजेक्ट को देख रहे सुमित पांचाल और हेमंत सिंह राजपूत के साथ पूरी टीम को बधाई दी।