Edited By pooja,Updated: 02 Nov, 2018 09:55 AM
उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को 10,323 अस्थायी शिक्षकों की सेवाओं को दो वर्षों के लिए बढ़ाने का आदेश दिया।
अगरतला: उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को 10,323 अस्थायी शिक्षकों की सेवाओं को दो वर्षों के लिए बढ़ाने का आदेश दिया। त्रिपुरा सरकार ने उच्चतम न्यायालय में राज्य के अस्थायी शिक्षकों की सेवायें बढ़ाने के लिए अर्जी दी थी।
राज्य सरकार की याचिका पर सुनवायी करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और उदय उमेश की तीन सदस्यीय पीठ ने इस संबंध में केंद्र सरकार को चार महीने के भीतर प्रशिक्षण और योग्यता में छूट प्रदान करने पर विचार करने का निर्देश दिया है।
सूत्रों ने कहा कि 10,323 शिक्षकों को हटाने से राज्य की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी और शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 12000 पद अभी भी खाली हैं। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) करवाने के बावजूद भी शिक्षण के लिए उपयुक्त अभ्यर्थी नहीं मिल सके हैं। उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह शिक्षकों के चयन के लिए टीईटी प्रणाली को ही जारी रखे और विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों को बी.एड. और डी. ईएलईडी करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वे शिक्षक की नौकरियों के लिए आवेदन करने की योग्यता प्राप्त कर सकें।