मॉरीशस के बाद अब भारत में भी पाणिनि भाषा प्रयोगशाला खोलने पर विचार

Edited By Sonia Goswami,Updated: 21 Aug, 2018 08:55 AM

sushma swaraj inaugurates panini language lab in mauritius

भारत सरकार का मॉरीशस की तरह अपने देश के सभी राज्यों में युवा पीढ़ी में हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में पठन-पाठन के प्रति रूचि विकसित करने के उद्देश्य से पाणिनि भाषा प्रयोगशाला खोलने का विचार है।  विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज ने 11वें विश्व हिंदी...

गोस्वामी तुलसीदास नगर (मॉरीशस): भारत सरकार का मॉरीशस की तरह अपने देश के सभी राज्यों में युवा पीढ़ी में हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में पठन-पाठन के प्रति रूचि विकसित करने के उद्देश्य से पाणिनि भाषा प्रयोगशाला खोलने का विचार है।  विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज ने 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में आए भारतीय मीडिया के प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान कहा कि केन्द्र सरकार का देश के हर राज्य में पाणिनि प्रयोगशाला खोलने का विचार है ताकि युवा पीढ़ी हिन्दी, तेलगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम समेत अन्य भारतीय भाषाओं को सीख सकें। 

PunjabKesari

उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा को सीखने के लिए किसी को बाध्य करना या दबाव बनाना सही नहीं है। लोगों में स्वत: भाषा सीखने की रूचि होनी चाहिए ।  श्रीमती स्वराज ने कहा कि देश में भाषा-शिक्षण से सम्बन्धित नीति ‘त्रिभाषा सूत्र’ बनाई गई थी जिसमें हिन्दीभाषी राज्यों में दक्षिण की कोई भाषा पढ़ाने के संबंध में संस्तुति की गई। 

PunjabKesari

इसके तहत कई हिन्दीभाषी राज्यों ने दक्षिण की एक भाषा को अपने राज्य में पढ़ाने के लिए चुना भी था लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह अच्छा होगा कि हिन्दीभाषी राज्यों के लोग दक्षिण की कोई भाषा सीखें और दक्षिण भारत के लोग भी अपनी मातृभाषा के साथ हिन्दी समेत अन्य भारतीय भाषाओं को सीखें। इसमें पाणिनि भाषा प्रयोगशाला काफी मददगार साबित हो सकती है।  

PunjabKesari

गौरतलब है कि त्रिभाषा सूत्र को वर्ष 1956 में अखिल भारतीय शिक्षा परिषद् ने इसे मूल रूप में अपनी संस्तुति के रूप में मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में रखा था और मुख्यमंत्रियों ने इसका अनुमोदन भी कर दिया था। वर्ष 1968 राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसका समर्थन किया गया था और वर्ष 1968 में ही पुन: अनुमोदित कर दिया गया था। 

PunjabKesari
वर्ष 1992 में संसद ने इसके कार्यान्वयन की संस्तुति कर दी थी। यह संस्तुति राज्यों के लिए बाध्यता मूलक नहीं थी क्योंकि शिक्षा राज्यों का विषय है। वर्ष 2000 में यह देखा गया कि कुछ राज्यों में हिन्दी और अंग्रेजी के अतिरिक्त इच्छानुसार संस्कृत, अरबी, फ्रेंच, तथा पोर्चुगीज भी पढ़ाई जाती हैं। त्रिभाषा सूत्र में पहली, शास्त्रीय भाषाएं जैसे संस्कृत, अरबी, फारसी। दूसरी राष्ट्रीय भाषाएं और तीसरी आधुनिक यूरोपीय भाषाएं शामिल हैं। इन तीनों श्रेणियों में किन्हीं तीन भाषाओं को पढ़ाने का प्रस्ताव है। संस्तुति यह भी है कि हिन्दीभाषी राज्यों में दक्षिण की कोई भाषा पढ़ाई जानी चाहिए।  
 
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!