Edited By ,Updated: 29 Apr, 2017 09:56 AM
दिल्ली के एक स्कूल द्वारा एक रेप पीड़ित छात्रा को एडमिशन नहीं देने का मामला सामने आया है
नई दिल्ली : दिल्ली के एक स्कूल द्वारा एक रेप पीड़ित छात्रा को एडमिशन नहीं देने का मामला सामने आया है। बता दें कि महिला आयोग ने 10वीं में पढ़ने वाली रेप पीड़िता के साथ भेदभाव करने वाले निजी स्कूल को दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के माध्यम से नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है। शिक्षा निदेशालय को इस मामले में पूरी जांच करने के साथ पांच दिन के भीतर उसकी रिपोर्ट आयोग को देने का भी निर्देश दिया गया है। बता दें कि अभिभावकों ने शिकायत दी है जिस स्कूल में उनकी बेटी पढ़ती है उस स्कूल ने संवेदनशीलता की सारी मर्यादाओं को ताक पर रखते उनके सामने शर्त रखी है कि उनकी दुष्कर्म पीडि़ता बेटी को 11वीं में तभी दाखिला मिलेगा, जब वह स्कूल नहीं आएगी। स्कूल का कहना है कि अगर पीडि़ता रोज स्कूल आएगी तो उनके स्कूल की बदनामी होगी।
प्रशासन की दूसरी शर्त
स्कूल प्रशासन ने दूसरी शर्त यह रखी है कि स्कूल में पीड़िता की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी। बता दें कि पीड़िता का अपहरण कर चलती कार में रेप करके उसे सड़क पर फेंक दिया गया था। पीड़िता का परिवार दिल्ली महिला आयोग से मदद चाहता है। ये लड़की दिल्ली के प्राइवेट स्कूल में पढ़ती है। अभिभावकों का अरोप है कि स्कूल ने उनकी बेटी की स्कूल बस भी बंद कर दी है। स्कूल छोड़ने से लेकर लाने की जिम्मेदारी वे स्वयं उठा रहे हैं। प्रिंसिपल ने कहा है कि पीड़िता के चलते उनके स्कूल की छवि खराब हो सकती है, इसलिए बेहतर यही है कि वे अपनी बेटी को दूसरे स्कूल में दाखिला करवा लें। कक्षा में पीड़िता के दोस्तों को भी उसके साथ बैठने के लिए मना कर दिया गया। पीड़िता को तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है, ताकि वह स्कूल छोड़ दे। स्वाति का कहना है कि यह बहुत गंभीर मामला है। 10वीं में पढ़ने वाली बच्ची को उस गलती की सजा दी जा रही है, जो उसने की ही नहीं है। यह हमारे समाज के लिए बहुत शर्मनाक है।