Edited By Riya bawa,Updated: 01 Nov, 2019 11:01 AM
दिल्ली सरकार के स्कूलों व म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन...
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्कूलों व म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन दिल्ली के स्कूलों में जो अध्यापकों के खाली पड़े पदों का मामला था उस पर वीरवार को दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एके चावला ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान लंबे समय से खाली पड़े पदों को न भर पाने के लिए जस्टिस एके चावला ने एमसीडी व दिल्ली अधीनस्त सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) की खिंचाई की। डीएसएसबी से जस्टिस एके चावला ने पूछा कि इतने समय में बोर्ड द्वारा चयन प्रक्रिया पूर्ण की गई उसके बाद भी बोर्ड यह संख्या क्यों नहीं दे पा रहा है कि कितने अध्यापकों की स्कूलों में नियुक्ति हो चुकी है।
हाईकोर्ट ने एमसीडी और दिल्ली सरकार को 4 हफ्ते के अंदर एफिडेविट फाइल कर यह बताने को कहा है कि जो डीएसएसएसबी ने 13679 उम्मीदवार का सेलेक्शन किया है। इसमें से 6541 दिल्ली सरकार के स्कूलों के लिए और 5415 एमसीडी को भेजे गए। इनमें से कितने उम्मीदवार ने ज्वाइनिंग कर ली इसका डेटा अदालत के सामने प्रस्तुत करें।
अदालत में दिल्ली सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों के लिए उनके पास आज के समय में 15 हजार से ज्यादा रिक्त पद हैं। जिसको भरने के लिए डीएसएसएसबी को बराबर कहा गया है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने डीएसएसएसबी को निर्देश जारी कर कहा कि 4 हफ्ते के अंदर15 हजार रिक्त पदों के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया का शेड्यूल जारी करें।