प्राथमिक शिक्षा के दायरे से बाहर बच्चों की संख्या 35 लाख करने का लक्ष्य

Edited By Sonia Goswami,Updated: 26 Sep, 2018 04:20 PM

the goal of 35 5 million children out of primary education

देश में गुणवत्तापूर्ण, सुलभ शिक्षा प्रदान करने, शिक्षा में सामाजिक एवं लैंगिक असमानता कम करने के समग्र शिक्षा अभियान में सरकार ने माध्यमिक शिक्षा स्तर पर स्कल छोड़ने वालों की दर (ड्राप आऊट रेट) को घटाकर मार्च 2020 तक 13.06 प्रतिशत करने तथा प्रारंभिक...

नई दिल्ली : देश में गुणवत्तापूर्ण, सुलभ शिक्षा प्रदान करने, शिक्षा में सामाजिक एवं लैंगिक असमानता कम करने के समग्र शिक्षा अभियान में सरकार ने माध्यमिक शिक्षा स्तर पर स्कल छोड़ने वालों की दर (ड्राप आऊट रेट) को घटाकर मार्च 2020 तक 13.06 प्रतिशत करने तथा प्रारंभिक शिक्षा के स्तर पर स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर बच्चों की संख्या को कम करके 35 लाख करने का लक्ष्य रखा है। समग्र शिक्षा योजना के वित्त प्रबंधन से जुड़ी नियमावली संबंधी परिणामी ढांचा संबंधी रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक शिक्षा के स्तर पर स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर बच्चों की संख्या 2015-16 में 60 लाख दर्ज की गई थी । 

इसे 2018-19 के 45 लाख से घटाकर 2019-20 में 35 लाख करने का लक्ष्य रखा गया है ।   इसमें कहा गया है कि प्रारंभिक शिक्षा के स्तर पर सकल नामांकन दर को 2018-19 के 93 प्रतिशत से बढ़ाकर 96 प्रतिशत करने तथा माध्यमिक शिक्षा के स्तर पर इस अवधि में सकल नामांकन दर को 83.30 प्रतिशत से बढ़ाकर 84.98 प्रतिशत करने की बात कही गई है ।      
PunjabKesari

प्रारंभिक शिक्षा के स्तर पर वार्षिक स्कूल छोड़ने की दर (ड्राप आउट रेट) को 2018-19 के 3.6 प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है, वहीं माध्यमिक शिक्षा के स्तर पर ड्राप आऊट रेट को 14.06 प्रतिशत से घटाकर 13.06 प्रतिशत करने की बात कही गई है ।      

 

इसमें कहा गया है कि प्राथमिक से उच्च प्राथमिक स्तर तक छात्रों के आगे बढ़ने की दर (ट्रांजिशन रेट) के 2018-19 के 93 प्रतिशत से बढ़ाकर 95 प्रतिशत करने तथा 8वीं से नौवीं कक्षा में छात्रों के आगे जाने की दर को 94.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 95 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।      
 
प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर छात्रों के बने रहने की दर (रिटेंशन रेट) 2018-19 के 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 2019-20 तक 80 प्रतिशत करने तथा माध्यमिक शिक्षा के स्तर पर यह दर 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 62 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है ।       PunjabKesari

रिपोर्ट के अनुसार, उच्च माध्यमिक स्तर पर सकल नामांकन दर 62 प्रतिशत से बढ़ाकर 64 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है । साथ ही 10वीं से 11वीं कक्षा में आगे जाने की दर (ट्रांजिशन रेट) को 2018-19 के 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 2019-20 में 76 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।      

 

देश में शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्तापूर्ण एवं चुस्त दुरूस्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा योजना नामक नई एकीकृत शिक्षा योजना लागू की है जिसे 75 हजार करोड़ रुपए की लागत से आगे बढ़ाए जाने की पहल की गई है।   देश में अब सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान तथा शिक्षक प्रशिक्षण से संबंधित योजना को एक साथ जोड़कर समग्र शिक्षा अभियान का नाम दिया गया है और प्रारंभिक तौर पर यह 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2020 तक के लिए
होगी । 

PunjabKesari

स्कूली छात्रों समग्र शिक्षा कार्यक्रम के दायरे में प्री स्कूल से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चों को लाने का प्रावधान किया गया है। इस योजना में बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देना, र्लिनंग आऊटकम बढ़ाना, शिक्षा में सामाजिक एवं लैंगिक असमानता को कम करना, स्कूलों को तय मापदंड के अनुरूप बनाना, स्कूलों में अधिक से अधिक व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना, शिक्षा के अधिकार अधिनियम को कड़ाई से लागू करना, राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद तथा शिक्षक प्रशिक्षण को अधिक सशक्त तथा बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है ।      
 
 
  

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!