Edited By pooja,Updated: 12 Sep, 2018 09:54 AM
दुनिया भर में अलग-अलग देशों के छात्रों को अपनी ओर आर्किषत करने के लिए बढ़ती स्पर्धा के कारण ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से घटी है। सरकार की एक नयी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है।
लंदन: दुनिया भर में अलग-अलग देशों के छात्रों को अपनी ओर आर्किषत करने के लिए बढ़ती स्पर्धा के कारण ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से घटी है। सरकार की एक नयी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है। ब्रिटेन के गृह विभाग ने माइग्रेशन एडवाइजरी कमेटी (एमएसी) को ब्रिटेन में विदेशी छात्रों पर अध्ययन करने को कहा था। देश के वीजा में जरूरी सुधार की सिफारिश की भी उसे जिम्मेदारी दी गयी थी।
हालिया वर्षों में भारतीय छात्रों की संख्या में तेज गिरावट का तो जिक्र किया गया लेकिन इसके लिए मीडिया में प्रतिकूल कवरेज पर दोष मढ़ा गया है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हालिया वर्षों में ब्रिटेन में भारत से आने वाले छात्रों की संख्या तेजी से घटी है जबकि चीन से आने वाले छात्रों की संख्या जस की तस है। वर्ष 2010-11 में भारत से 24,000 छात्र आए जबकि 2016-17 में यह संख्या घटकर दस हजार से कम रह गयी।’’ यह दिखाता है कि 2010 के बाद से 11 प्रतिशत अंक से संख्या घटती गयी।
इसमें कहा गया है कि यह संभवत: कुछ प्रायोजित लाइसेंस के खत्म होने और अध्ययन के बाद काम के प्रस्ताव में बदलाव से जुड़ा है। भारतीय मीडिया में ब्रिटेन में अध्ययन को लेकर भी प्रतिकूल कवरेज हुआ है। भविष्य में आव्रजन नीति में अगर कोई बदलाव हुआ तो ब्रिटेन की सरकार एमएसी की सिफारिशों पर गौर करेगी।