Edited By Sonia Goswami,Updated: 12 Sep, 2018 02:04 PM
6 सितंबर को नौजवान भारत सभा के नेतृत्व में डीसी गुरदासपुर को सीएम पंजाब के नाम के रोजगार फार्म जमा करवाए गए थे, जिसके बाद रोजगार दफ्तर से युवाओं को फोन कॉल आई और उन्हें रोजगार देने संबंधी मंगलवार को बुलाया गया लेकिन उन्हें घर-घर शैंपू/पैन बेचने की...
गुरदासपुरः 6 सितंबर को नौजवान भारत सभा के नेतृत्व में डीसी गुरदासपुर को सीएम पंजाब के नाम के रोजगार फार्म जमा करवाए गए थे, जिसके बाद रोजगार दफ्तर से युवाओं को फोन कॉल आई और उन्हें रोजगार देने संबंधी मंगलवार को बुलाया गया लेकिन उन्हें घर-घर शैंपू/पैन बेचने की पेशकश की गई। जिसका युवाओं ने रोष जताया।
युवाओं ने बताया, सबसे पहले उन्हें स्वरोजगार के लिए उत्साहित करने के लिए 2 घंटे का लेक्चर दिया गया। फिर कहा गया कि यदि स्वरोजगार नहीं करना चाहते तो एक प्राइवेट कंपनी आपको रोजगार देने के लिए तैयार है, जिसके लिए आपको एक इंटरव्यू पास करना पड़ेगा। इसके बाद कंपनी प्रतिनिधियों ने पढ़े-लिखे युवा लड़के/लड़कियों की इंटरव्यू ली और शेंपू और पेन घर-घर जाकर बेचने का ऑफर दिया।
युवा बोले- योग्यता के अनुसार नहीं मिला रोजगार
रोजगार दफ्तर में इंटरव्यू देकर लौटी एमए (अर्थशास्त्र) पास लमीन कुराल निवासी एक युवती ने हताश लफ्जों में कहा कि संबंधित रोजगार उसकी योग्यता अनुसार नहीं है, क्योंकि उसे घर-घर जाकर शैंपू बेचने का काम करने की पेशकश की गई हैं। इसी तरह बीएससी (गणित/अर्थशास्त्र) पास एक युवक को पैन बेचने के काम की पेशकश की गई। युवाओं ने स्पष्ट किया कि वह हर काम और रोजगार की कदर करते हैं, लेकिन कम से कम रोजगार उनकी शैक्षणिक योग्यता अनुसार तो होना चाहिए, क्योंकि उनके घरवालों ने कड़ी मेहनत कर उन्हें पढ़ाया लिखाया है।