12वीं के बाद करें ये कोर्स , लाखों में होगी कमाई

Edited By bharti,Updated: 05 Jun, 2018 06:35 PM

these courses will be done after the 12th earning in millions

हर किसी को सुंदर दिखने का शौक होता है।  इसलिए जब भी हम किसी पार्टी या फंक्शन आदि में जाने से पहले ख़ूबसूरत कपड़ोेंं के साथ ज्वेलरी ...

नई दिल्ली : हर किसी को सुंदर दिखने का शौक होता है।  इसलिए जब भी हम किसी पार्टी या फंक्शन आदि में जाने से पहले ख़ूबसूरत कपड़ोेंं के साथ ज्वेलरी पर भी विशेष ध्यान देते है। फैशन के शौकीन लोग जूलरी के आकर्षक डिजाइन को तरजीह देते हैं। दुनिया में भारत का सबसे बड़ा रत्न और आभूषण मार्केट है लेकिन यह उद्योग ज्यादातर असंगठित क्षेत्र में है, जहां सोने पर ज्यादा तवज्जो दी जाती है। बड़ी कंपनियों के इस सेक्टर में कदम रखने के साथ अब सोने के अलावा रत्नों और पत्थरों की लोकप्रियता भी बढ़ गई है।ज्वेलरी का बढ़ता ट्रेंड ही आज युवाओं को इसमें करियर बनाने के लिए आकर्षित कर रहा है । इस क्षेत्र में हो रहे विकास आकर्षक जॉब और एंट्री लेवल पर अच्छी सैलरी ने इस सेक्टर को करियर का लोकप्रिय विकल्प बना दिया है। अगर आप कुछ क्रिएटिव करना चाहते है तो ज्वैलरी डिजाइनर बन सकते है। 

कैसे सीखें
पहले इस काम को सीखने का एकमात्र रास्ता अनुभवी ज्यूलर होते थे। लेकिन आज के समय में स्कूल के सीधे बाद ज्यूलरी  डिजाइन में आप डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। कोर्स के लिए क्वॉलिफाई करने के पहले एक स्टूडेंट को ऐप्टिट्यूड टेस्ट और इंटरव्यू पास करना पड़ता है। हालांकि किसी भी बैकग्राउंड के छात्र यह कोर्स कर सकते हैं लेकिन आटर्स बैकग्राउंड वालों के लिए ज्यादा फायदेमंद है।

क्या पढ़ाया जाता है?
कोर्स में आपको पत्थरों के विभिन्न प्रकार, कलर स्कीम, डिजाइन थीम, परजेंटेशन और फ्रेमिंग, इंडिविजुअल जूलरी पीस का डिजाइन करना, पुरुषों की जूलरी, कॉस्ट्युम जूलरी, कॉस्टिंग वगैरह के बारे में बताया जाता है। जहां तक ज्यूलरी की डिजाइनिंग का संबंध है इसके लिए कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं होता। किसी फील्ड के प्रफेशनल ज्यूलरी डिजाइनिंग वर्कशॉप में शामिल होकर अपना प्रॉडक्शन हाउस खोल सकते हैं।

जरुरी स्किल्स 
एक ज्वैलरी डिजाइनर बनने के लिए कोई खास पर्सनैलिटी की जरूरत नहीं पड़ती है। आपको सिर्फ इस पेशे का शौक होना चाहिए। डिजाइन सेंस का होना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही क्रिएटिव, कल्पनाशील, न्यू ट्रेंड का सेंस, फैशन सेंस आदि के साथ मेहनती होना भी बहुत आवश्यक है इंटरनैशनल फैशन इंडस्ट्री और ग्लोबल ट्रेंड्स पर गहरी नजर होनी चाहिए।

क्या होता है काम 
ज्वैलरी डिजाइनर हाथ से या फिर कंप्यूटर की मदद से स्केच तैयार करते हैं। कस्टमर या मैन्युफैक्चरिंग टीम से परामर्श के बाद डिजाइनर एक खाका तैयार करते हैं। कंप्यूटर मॉडलों से डिजाइनों के अलग-अलग विकल्प खोजने में आसानी होती है, जिससे डिजाइन की लागत कम आती है और समय बच जाता है

सैलरी
पढ़ाई के तुरंत बाद किसी कंपनी में जॉब लगने पर शुरुआत में 7 से 8 हज़ार रुपए प्रति माह आप कमा सकते हैं। अनुभव के साथ इस क्षेत्र में आप उम्मीद से ज़्यादा कमा सकते हैं। अनुभव होने पर 20 से 25 हजार और फिर और आगे बढ़ते चले जा सकते हैं।  ज्यूलरी डिज़ाइनर महीने के लाखों रुपए भी लेते हैं।

जॉब के अवसर
प्राइवेट सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों, ज्यूलरी  हाउसेस, रिसर्च एंड ऑर्गेनाइजेशन, ऑक्शन हाउसेस में नौकरी मिलने के चांसेस रहते हैं। अगर आप चाहें तो आप फ्रीलांस डिजाइन के जरिए अपने बिजनेस की शुरुआत भी कर सकते हैं। फ्रीलांसिंग में आपको जूलर्स हाउस के निर्देश के मुताबिक डिजाइन तैयार करना होगा।

यहां से कर सकते है कोर्स 
एनआईएफटी कैंपस, गुलमोहर पार्क के सामने, हौज खास, नई दिल्ली
श्रीमती नाथीबाई दामोदर ट्रेनिंग (एसएनडीटी) विमिन यूनिवर्सिटी, मुंबई
जेम ऐंड जूलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, राजस्थान भवन, जयपुर
ज्यूलरी डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट
स्मॉल इंडस्ट्रीज सर्विस इंस्टिट्यूट, चेन्नै

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