Edited By Riya bawa,Updated: 05 Nov, 2019 10:51 AM
दिल्ली विश्वविद्यालय ने 96 वर्षों की...
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय ने 96 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा पूरी कर ली है और 2022 में अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे करेगा। इससे वह एक स्वर्णिम इतिहास लिखेगा। यह बातें मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को डीयू के 96वें दीक्षांंत समारोह में बतौर मुख्यअतिथि बोलते हुए कहीं। साथ ही इस अवसर पर उन्होंने छात्रों से आह्वान करते हुए कहा कि सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर नवाचार युक्त शोध पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
डीयू खेल परिसर स्थित बहुउद्देश्य सभागार में छात्रों को सम्बोधित करते हुए निशंक ने कहा कि पहली बार रिकॉर्ड तीन लाख विद्यार्थियों को डिग्री मिलना गौरवपूर्ण क्षण है। उल्लेखनीय है इससे पहले कभी इतनी संख्या में विद्यार्थियों को डिग्री नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि डीयू समानता, न्याय और सामाजिक समन्वय के व्यापक वैचारिक ढांचे के भीतर विभिन्न शैक्षणिक अनुशासनों के तहत सात लाख से अधिक छात्रों की आकांक्षाओं को पूरा करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है।
20 उत्कृष्ट संस्थानों की सूची में डीयू के शामिल होने की प्रसन्नता जाते हुए कहा कि हमें विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदाने करने की एक लंबी यात्रा तय करनी है। डीयू का दृष्टिकोश काफी दूरदर्शी है। देश के उत्कृष्ट संस्थान के रमपू में डीयू ने केवल भारत में नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी विशिष्ठ पहचान बनाई है। यह खुशी की बात है कि देश-विदेश से छात्रों और शिक्षकों को आकर्षित करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय मन, वचन और कर्म से उत्कृष्टता, अखंडता और ग्रहणशीलता के प्रतीक के रूप में उभरा है।
निशंक ने डीयू में महिलाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए एक नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड की स्थापना को सराहनीय कदम बताया। साथ ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के पूर्व छात्रों के सहयोग से पूर्व विद्यार्थी निधि की शुरुआत का हवाला देते हुए कहा कि इसमें पूर्व छात्रों ने 250 करोड़ रुपए के अनुदान की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में भी पूर्व विद्यार्थियों के साथ मिलकर इसे बढ़ावा देने का आह्वान किया। समारोह में मेडल प्राप्त करने वालों में 50 प्रतिशत से अधिक छात्राओं के होने पर उन्होंने छात्राओं को बधाई भी दी।
इस अवसर पर यूजीसी अध्यक्ष धीरेंद्र पाल सिंह व डीयू कुलपति प्रो.योगेश कुमार त्यागी भी उपस्थित थे। डीयू कुलपति प्रो. योगेश त्यागी ने कहा कि इस साल डीयू ने तीन लाख छात्रों को डिग्री प्रदान कर इतिहास बना दिया है। इससे पहले इतने छात्रों को एक साथ कभी भी डिग्री प्रदान नहीं की गई। इनमें से 700 विद्यार्थियों को समारोह में डिग्रिया और 347 मेधावी विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किये गये। वहीं 600 विद्यार्थियों को पीएचडी व 60 छात्रों को डॉक्टर ऑफ मेडिसन से नवाजा गया।
सर्वाधिक अंक लाकर किया टॉप
कहतें हैं ज्ञान अर्जित करने की कोई उम्र नहीं होती, इस बात को 48 वर्षीय नरोत्तम सिंह ने चरितार्थ किया है। डीयू में एमए बुद्धिस्त स्टडी में सर्वाधिक अंक लाकर उन्होंने टॉप किया है। उनकी इस उपलब्धि के कारण उन्हें दीक्षांत समारोह में उन्हें गोल्ड मेडल से नवाजा गया। सरकारी नौकरी छोड़कर पढ़ाई की। नरोत्तम सिंह ने बताया कि उन्होंने रामजस कॉलेज से बीएससी फिजिक्स ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद वह लोदी रोड स्थित मौसम विभाग कार्यालय में नौकरी करने लगे।