Edited By pooja,Updated: 18 Oct, 2018 11:03 AM
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के माहौल बेहतर बनाने के लिए आए दिन नए-नए योजना लाई जा रही है। इन योजनाओं को लेकर सरकार की तरफ से पूरा खाका तैयार नहीं है
नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के माहौल बेहतर बनाने के लिए आए दिन नए-नए योजना लाई जा रही है। इन योजनाओं को लेकर सरकार की तरफ से पूरा खाका तैयार नहीं है, जिसकी वजह से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को पाठ्यक्रम को पूरा करने में परेशानी हो रही है। दरअसल, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एक के बाद एक विभागीय आदेश आते रहते हैं और लगभग हर माह टाइम टेबल (समय सारिणी) बदलता रहता है। गौरतलब है कि कभी हैप्पीनेस के आदेश आते है तो कभी कोई पीरियड को एड किया जाता है, कभी फिजिकल एंड हेल्थ एजुकेशन का पीरियड कभी निष्ठा, जीरोंं पीरियड तो कभी ब्लाक टीचिंग के चलते आए दिन नया टाइम टेबल बनता रहता है।
राजकीय शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजबीर छिकारा ने बताया कि स्कूलों में अनिश्चिता का वातावरण रहता है, शिक्षक को सुबह स्कूल में जाने के बाद ही पता चलता है, उस दिन क्या करना है। पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता, भिन्न-भिन्न सूचनाओं का डाटा अपलोड करना और बचे हुए समय में पाठ्यक्रम पूरा कराने का समय बचता है। ऐसे में छात्रों के लिए लर्निंग का समय नहीं मिलता है।