Edited By Sonia Goswami,Updated: 20 Aug, 2018 11:47 AM
आदिवासी छात्रों ने केन्द्र सरकार से स्कूल और छात्रावास सहित उन्हें ‘‘गुणवत्तापरक शिक्षा’’ और उचित सुविधांए मुहैया कराने की अपील की। साथ ही कहा कि सरकारी संस्थानों और नौकरियों में आरक्षण ही उनकी समस्याओं को हल करने का अकेला रास्ता नहीं है।
नई दिल्लीःआदिवासी छात्रों ने केन्द्र सरकार से स्कूल और छात्रावास सहित उन्हें ‘‘गुणवत्तापरक शिक्षा’’ और उचित सुविधांए मुहैया कराने की अपील की। साथ ही कहा कि सरकारी संस्थानों और नौकरियों में आरक्षण ही उनकी समस्याओं को हल करने का अकेला रास्ता नहीं है।
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह आदिवासी बच्चों के कल्याण के लिए ‘जमीनी हकीकतों के आधार’ पर नीतियां तैयार करें। आदिवासी अधिकार मंच और सेंटर फॉर आदिवासी रिसर्च एंड डेवलपमेंट की ओर से यहां शनिवार को आयोजित सम्मेलन में देश भर से छात्रों ने हिस्सा लिया। झारखंड के सुनिल तिरकी ने कहा,‘’कृपया सरकार को यह बताएं कि हमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है। कुछ आदिवासी इलाकों में विद्यालय नहीं हैं। अगर हैं भी तो वहां शिक्षक नहीं हैं। कुछ स्थानों पर आदिवासी छात्रों को स्कूल जाने के लिए मीलों दूर जाना होता है।‘’
आठवीं में पढ़ने वाली आदिवासी छात्रा वर्षा सिहेम ने कहा,‘’मेरा स्कूल मेरे गांव से बहुत दूर है। वहां पहुंचने में दो घंटे से भी ज्यादा समय लगता है। मैं अपनी पढ़ाई इसलिए जारी रखी हुई हूं क्योंकि मेरा भाई मेरे साथ जाता है। लेकिन मेरी कक्षा के कई बच्चों ने स्कूल आना बंद कर दिया है क्योंकि बहुत ज्यादा चलना पड़ता है और परिवहन के लिए उन बच्चों पास पैसे नहीं हैं।‘’