Edited By bharti,Updated: 06 Apr, 2019 06:46 PM
त्रिपुरा सरकार ने स्कूलों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(एनसीईआरटी) की ...
अगरतला : त्रिपुरा सरकार ने स्कूलों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(एनसीईआरटी) की पुस्तकों को लागू करने के साथ ही राज्य में तेजी से बढ़ रहे निजी स्कूलों का मुकाबला करने के लिए अंग्रेजी माध्यम के 20 स्कूलों का शैक्षणिक प्रशासनिक नियंत्रण केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की है। त्रिपुरा सरकार के अंग्रेजी माध्यम के 32 स्कूल हैं और इस शैक्षणिक सत्र से पहले चरण में 20 स्कूलों को सीबीएसई को हस्तांतरित जा रहा है और क्रमश: अंग्रेजी माध्यम के सभी स्कूलों को सीबीएसई के नियंत्रण में दे दिया जाएगा ताकि ग्रामीण स्तर पर चयनित सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क कान्वेंट शिक्षा दी जा सके।
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने राज्य के 32 अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के अलावा प्रत्येक राजस्व प्रखंडों के कम से कम एक स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में तब्दील करने का निर्णय लिया है।’’ अगले साल से सभी प्रखंडों में कम से कम एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल होगा जो सीबीएसई प्रशासन के द्वारा चलाया जाएगा और गांवों के गरीब छात्रों को नि:शुल्क कान्वेंट शिक्षा मिलेगी।’’ उन्होंने अफसोस जताया कि राज्य में एक सौ से अधिक निजी कान्वेंट हैं जो सीबीएसई और आईसीएसई के नियंत्रण में है और इन स्कूलों में अभिभावकों को हर महीने काफी शुल्क देना होता है। चूंकि ये स्कूल निजी स्तर पर चलाये जाते हैं इस वजह से ये स्कूल शहरी इलाकों में अधिक हैं। गांवों के विद्यार्थियों एवं गरीब वर्ग के छात्रों में प्रतिभा होने के बावजूद वे अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई नहीं कर पाते हैं।