Edited By pooja,Updated: 02 May, 2018 10:26 AM
भारत में फेफड़ों और दिल संबंधी बीमारियों से हर साल करीब 28 लाख लोगों की मौत हो जाती है। आईआईटी बॉम्बे में दो इंजीनियर दोस्तों ने एक ऐसा इनोवेशन पेश किया है
मुंबई: भारत में फेफड़ों और दिल संबंधी बीमारियों से हर साल करीब 28 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इन बीमारियों को दूर करने के लिए आईआईटी बॉम्बे में दो इंजीनियर दोस्तों ने नया इनोवेशन पेश किया है, जिससे इन बीमारियों के इलाज में मदद मिल सकती है।
जानकारी के मुताबिकउन्होंने पहले रिसर्च की, जिसमें पता चला कि आमतौर पर इस्तेमाल किए जा रहे स्टेथस्कोप (फेफड़ों की आवाज सुनने वाला यंत्र) में कई तरह की कमियां हैं।फिर उन्होंने संस्थान में आयोजित हुए मेडिकल डिवाइस इनोवेशन कॉन्क्लेव-2015 में यह इनोवेशन पेश किया था।
उसके बाद एक डॉक्टर डॉ नंबिराज कोनार की मदद से आदर्श के, तपस पांडे ने एक बेहतर स्टेथस्कोप बनाया, जो इलाज की हिसाब से काफी बेहतर है। यह एक डिजिटल स्टेथस्कोप है, जो फेफड़ों की आवाज और दिल की धड़कन सुनने के साथ यह इसकी ऑडियो क्लिप भी बना लेता है। आदर्श की ओर से की गई एक रिसर्च के अनुसार यह भारत जैसे देश में बहुत सहायक है, जहां 1700 लोगों पर एक डॉक्टर है।
साथ ही यह आधुनिक स्टेथस्कोप स्काइप से कनेक्ट हो सकता है और रिकॉर्ड किए गए ऑडियो को स्काइप के तरह भेज सकते हैं। इस इनोवेशन को लेकर आदर्श ने फोर्ब्स को बताया कि इससे एक आशा कार्यकर्ता भी ग्राणीण इलाकों में कहीं से भी मरीज की आवाज और धड़कन रिकॉर्ड कर अपने डॉक्टर को भेज सकती है।