सामाजिक और बुनियादी विज्ञान के क्षेत्र में शोध की सरकार ने बनाई दो योजनाएं

Edited By pooja,Updated: 25 Oct, 2018 05:11 PM

two schemes made by the government of research

सरकार ने सामाजिक क्षेत्र एवं मानविकी के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिये ‘इम्प्रेस’ और बुनियादी विज्ञान के क्षेत्र में शोध कार्य के लिये अकादमिक शोध एवं

नई दिल्ली: सरकार ने सामाजिक क्षेत्र एवं मानविकी के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिये ‘इम्प्रेस’ और बुनियादी विज्ञान के क्षेत्र में शोध कार्य के लिये अकादमिक शोध एवं गठजोड़ प्रोत्साहन योजना (एसपीएआरसी) शुरू करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। इन दोनों योजनाओं के लिए 832 करोड़ रूपये का आवंटन किया जा रहा है।  

    

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले चार वर्ष के दौरान इम्प्रिंट, अविष्कार पहल समेत अनेक शोध योजनाओं को आगे बढ़ाया है। इसके कारण देश में शोध और अनुसंधान की संस्कृति पनप रही है।  मंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण है लेकिन जीवन में प्रौद्योगिकी ही सबकुछ नहीं है। सामाजिक क्षेत्र एवं मानविकी से जुड़े विषयों में भी शोध की जरूरत है।   

 

उन्होंने कहा, ‘‘ सामाजिक क्षेत्र एवं मानविकी के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिये ‘इम्प्रेस’ नामक एक प्रभावी शोध पहल की शुरूआत की जा रही है।’’ इम्प्रेस योजना के तहत दो वर्ष के लिये 414 करोड़ रूपये का आवंटन किया जा रहा है। इसके तहत 1500 शोध परियोजनाओं का वित्त पोषण किया जाएगा। इस तरह हर परियोजना के लिये करीब 20 से 25 लाख रूपये प्रदान किये जाएंगे।      

 

इस उद्देश्य के लिये एक पोर्टल शुरू किया जा रहा है जिस पर परियोजना के लिये आवेदन किया जा सकता है । इस बारे में तीन महीने में पारदर्शी तरीके से निर्णय किया जायेगा।  इम्प्रेस परियोजना के तहत सामाजिक क्षेत्र एवं मानविकी से जुड़े विषयों पर शोध को बढ़ावा दिया जायेगा । इसके तहत सरकार एवं लोकतंत्र, शहरी बदलाव, मीडिया संस्कृति एवं समाज, रोजगार कौशल एवं ग्रामीण परिवर्तन के अलावा सुशासन, नवोन्मेष एवं लोक नीति जैसे विषयों को लिया जायेगा । इसके तहत विकास एवं सूक्ष्म नीति, कृषि एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण, शिक्षा, राजनीति, कानून एवं अर्थशास्त्र जैसे विषयों पर शोध कार्य किया जायेगा।          


जावड़ेकर ने बताया कि दूसरी योजना बुनियादी विज्ञान में शोध से संबंधित है। बुनियादी विज्ञान के क्षेत्र में शोध की जरूरत को समझते हुए अकादमिक शोध एवं गठजोड़ प्रोत्साहन योजना :एसपीएआरसी: शुरू की जा रही है ।  इस योजना के लिये 418 करोड़ रूपये का आवंटन किया जा रहा है। इसके तहत 600 योजनाओं पर काम होगा । प्रत्येक योजना के लिये 50 लाख रूपये से 1 करोड़ रूपये की धनराशि आवंटित की जायेगी ।      

 

अकादमिक शोध एवं गठजोड़ प्रोत्साहन योजना :एसपीएआरसी: चुनिंदा उत्कृष्ट देशी और विदेशी विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थाओं के बीच संयुक्त प्रयास होगा। इसके तहत एनआईआरएफ रैकिंग में उत्कृष्ट स्थान पाने वाले भारतीय संस्थान तथा क्यूएस रैकिंग में उत्कृष्ट स्थान पाने वाले विदेशी संस्थान हिस्सा ले सकेंगे। इस तरह इसमें 254 भारतीय विश्वविद्यालय एवं संस्थान और 478 विदेशी विश्वविद्यालय हिस्सा ले सकेंगे ।    

 

इस संयुक्त शोध पहल के तहत एक टीम में दो विदेशी और दो भारतीय शिक्षक तथा दो भारतीय एवं दो विदेशी छात्र होंगे । एक टीम कुल आठ लोगों की होगी। इसके तहत चुने गए छात्रों को दुनिया की श्रेष्ठ प्रयोगशाला में एक वर्ष के लिये पहुंच उपलब्ध करायी जायेगा।  शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने साल 2015 में ‘ज्ञान पहल’ की शुरूआत की थी। इसके तहत 70 देशों से 1000 प्राध्यापक आए थे और दो..तीन सप्ताह रहकर छात्रों को एक कोर्स कराया था । इस पहल का अनुभव काफी अच्छा रहा । इस अनुभव एवं प्राप्त सुझावों के तहत बुनियादी विज्ञान के क्षेत्र में शोध की इस योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है ।  
 

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