शिक्षक संगठन एएडी ने यूजीसी के 7 दिसम्बर 2018 के सार्वजनिक सूचना का विरोध किया है। साथ ही एएडी ने इस सार्वजनिक सूचना को वापिस लिए जाने की जोरदार मांग की है।
नई दिल्ली : शिक्षक संगठन एएडी ने यूजीसी के 7 दिसम्बर 2018 के सार्वजनिक सूचना का विरोध किया है। साथ ही एएडी ने इस सार्वजनिक सूचना को वापिस लिए जाने की जोरदार मांग की है। एएडी का कहना है कि यह सूचना शिक्षकों से जिन्होंने अपने अथक प्रयास से पीएचडी और एमफिल अर्जित कर जो इन्क्रीमेंट और प्रोन्नति में कुछ सालों की छूट पाई है उसको पूर्ववर्ती तिथि से छीन लेता है।
एएडी के प्रेस सचिव राजेश झा का कहना है कि यूजीसी ने स्पस्टीकरण करते हुए सभी शिक्षकों पर जिन्होंने 11 जुलाई 2009 से पहले पीएचडी/एमफिल किया या नामकिंत हुए थे, उनके ऊपर पांच नई शर्तों को मनमाने ढंग से थोप दिया है। इससे शिक्षकों के वेतन निर्धारण और प्रोन्नति की तिथि के निर्धारण पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इससे जो लोग प्रोन्नति के लिए सालों से इंतजार कर रहेंगे उनकी दिक्कते और बढ़ेंगी। जिनकी नियुक्ति पीएचडी के आधार पर हुई है उनके ऊपर भी सवालिया निशान लगा दिया गया है।
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