यूजीसी रेगुलेशन 2018 एजेंडे में शामिल नहीं

Edited By pooja,Updated: 08 Dec, 2018 11:17 AM

ugc regulation 2018 agenda

डीयू की विद्वत परिषद की लगभग डेढ़ साल के बाद 12 दिसम्बर  को हो रही बैठक के एजेंडे में यूजीसी रेगुलेशन 2018 को शामिल नहीं किया गया है। देर शाम बैठक का एजेंडा मिलने के बाद से ही विद्वत परिषद सदस्यों में रोष व्याप्त है।

नई दिल्ली : डीयू की विद्वत परिषद की लगभग डेढ़ साल के बाद 12 दिसम्बर  को हो रही बैठक के एजेंडे में यूजीसी रेगुलेशन 2018 को शामिल नहीं किया गया है। देर शाम बैठक का एजेंडा मिलने के बाद से ही विद्वत परिषद सदस्यों में रोष व्याप्त है।

सदस्यों ने मांग की है कि इसे कमेटी द्वारा अनुशंषित सभी विषयों को 12 दिसम्बर की मीटिंग के एजेंडे में सम्मिलित किया जाये। डीयू विद्धत परिषद सदस्य प्रो.हंसराज सुमन का कहना है कि उन्हें 6 दिसम्बर को देर शाम 12 दिसम्बर को हो रही बैठक का एजेंडा ईमेल से प्राप्त हुआ था। इसमें यूजीसी के नियामक कानून (यूजीसी रेगुलेशन-2018 )को शामिल नहीं किया है। मतलब साफ है कि शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति और पदोन्नति इस एजेंडे के किसी भी विषय के रूप में नहीं है जबकि 28 नवम्बर को हाई पावर कमेटी ने जब इस रिपोर्ट पर सभी साथियों ने हस्ताक्षर किए थे तो कहा गया था कि आगामी बैठक में महत्वपूर्ण रूप से इसे एजेंडे में रखा जाएगा ताकि जल्द से जल्द यह पारित होकर ऑडिनेंश बनकर तैयार हो। इसमें शिक्षकों से संबंधित मुद्दों को हटाकर प्रिंसिपलों की अपॉइंटमेंट संबंधी विषयों को एजेंडे में प्रमुख स्थान दिया गया है । पिछले पांच महीनों से यूजीसी रेगुलेशन-2018 डीयू में आया हुआ है। यह रेगुलेशन सभी विश्वविद्यालयों को इसे स्वीकार करने के लिए अनिवार्य कहता है जिसको 6 महीने के भीतर अपना लिया जाना चाहिए। 
 

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