Edited By Sonia Goswami,Updated: 06 Oct, 2018 04:03 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली (आरसीआई) के बीएड विशेष शिक्षा डिग्रीधारकों को भी यूपी टीईटी 2018 में बैठने देने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले में दाखिल याचिका पर एनसीटीई व राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
लखनऊः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली (आरसीआई) के बीएड विशेष शिक्षा डिग्रीधारकों को भी यूपी टीईटी 2018 में बैठने देने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले में दाखिल याचिका पर एनसीटीई व राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने आशुतोष कुमार सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि आरसीआई को एनसीटीई से मान्यता हासिल है। इसकी 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना में बीएड विशेष शिक्षा डिग्री को मान्य किया गया है।
इस डिग्री को कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए अहम माना गया है। बीएड विशेष शिक्षा को बीएड सामान्य डिग्री के समकक्ष माना गया है लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने 28 जून 2018 के विज्ञापन से केवल बीएड डिग्री वालों को ही अर्ह माना है। बीएड विशेष शिक्षा डिग्री धारकों को यूपी टीईटी में बैठने की अनुमति नहीं दी जा रही है। वैध डिग्री होने के बावजूद उन्हें टीईटी में बैठने से रोकना गलत है।
कोर्ट ने एनसीटीई से यह स्पष्ट करने को कहा है कि बीएड विशेष शिक्षा, बीएड के समकक्ष डिग्री है या नहीं। एनसीटीई के अधिवक्ता का कहना है कि यह डिग्री विशेष प्रकार के बच्चों को पढ़ाने के लिए मान्य है।