Edited By Sonia Goswami,Updated: 01 Feb, 2019 01:01 PM
अमरीका से उच्च शिक्षा पाने वाले विदेशी कामगारों को मौका देने के तहत ट्रम्प प्रशासन ने बुधवार को एच-1बी वीजा आवेदन से संबंधित नई नीति की औपचारिक घोषणा की है।
वॉशिंगटन:अमरीका से उच्च शिक्षा पाने वाले विदेशी कामगारों को मौका देने के तहत ट्रम्प प्रशासन ने बुधवार को एच-1बी वीजा आवेदन से संबंधित नई नीति की औपचारिक घोषणा की है। जिसमें कहा गया है कि नई नीति ज्यादा सक्षम, प्रभावी है और यह योग्य लोगों को अमरीका में आकर्षित करने में कामयाब रहेगी। अंतिम नियम उस आदेश को पलट देगा जिसके अमरीकी सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेस (यूएससीआईएस) नियमित कैप और एडवांस डिग्री छूट के तहत एच-1बी अर्जियों का चयन करती थी।
फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित होंगे नियम
एच-1बी वीजा को लेकर बनाए गए नए नियम फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित किए जाएंगे। इन्हें एक अप्रैल से लागू किया जाएगा। इमिग्रेशन सर्विसेस के मुताबिक- 2020 के सत्र के लिए इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है।
इमिग्रेशन सर्विसेज के निदेशक फ्रांसिस सिस्ना ने बताया, "नए नियमों में सामान्य और स्मार्ट बदलाव किए गए हैं, इससे कंपनियों को काफी फायदा होगा। अमरीका में नौकरी चाहने वाले विदेशी कर्मचारी और इसके लिए मदद करने वाली एजेंसियां एच-1बी वीजा प्रोग्राम को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।"
जनवरी की शुरुआत में ही ट्रम्प ने कहा था कि वह एच-1बी वीजा सिस्टम में बदलाव लाना चाहते हैं ताकि इसके धारक देश में रह सकें और उनके अमेरिकी नागरिकता हासिल करने का रास्ता आसान हो।
एच-1बी वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है जिसकी भारतीय आईटी कंपनियों में काफी मांग है। इसके तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी एक्सपर्ट्स को अपने यहां नियुक्त करती हैं।
इमिग्रेशन सर्विस का कहना है कि नए रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू होने के बाद नियोक्ताओं कंपनी की समग्र लागत को कम हो जाएगी और सरकार की दक्षता में इजाफा होगा।
सिस्ना कहते हैं, "ट्रम्प एच-1बी की सिलेक्शन प्रोसेस में साधारण सा बदलाव कर आव्रजन प्रणाली को बेहतर करना चाहते हैं। नतीजतन अमरीकी मास्टर या उच्च डिग्री के साथ विदेशी कर्मचारियों की मांग करने वाली अमरीकी कंपनियों को एच-1बी वीजा की ज्यादा मांग के लिए लॉटरी से चयन का अधिक मौका मिलेगा।"
एक अप्रैल से लागू होने वाले नए नियमों में इमिग्रेशन सर्विसेस पहले उन एच-1बी आवेदनों को चुनेगा, जिन्हें लाभार्थियों की तरफ से भेजा गया हो। इसमें वह लोग भी शामिल हैं जिन्हें एडवांस्ड डिग्री में छूट मिल सकती है। इसके बाद इमिग्रेशन विभाग बाकी बचे आवेदनों में से चुनेगा।