Edited By Sonia Goswami,Updated: 06 Jul, 2018 04:55 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायलय की लखनऊ खंडपीठ ने गत चार जुलाई को लखनऊ विश्वविद्यालय में हुए उपद्रव में पुलिस की भूमिका पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस घटना में शामिल छात्रों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया है।
लखनऊः इलाहाबाद उच्च न्यायलय की लखनऊ खंडपीठ ने गत चार जुलाई को लखनऊ विश्वविद्यालय में हुए उपद्रव में पुलिस की भूमिका पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस घटना में शामिल छात्रों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया है। मामले में गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायलय की लखनऊ खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह को तलब किया था।
शुक्रवार को डीजीपी ओपी सिंह जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस राजेश सिंह चौहान की न्यायालय में पेश हुए। सुनवाई के दौरान प्रॉक्टर ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ दीपक कुमार पर लापरवाही का आरोप लगाया। उच्च न्यायालय ने पूछा कि आशीष मिश्र बॉक्सर पर समय रहते कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई जबकि उसके ऊपर पहले से ही प्राथमिकी दर्ज थी। जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उच्च न्यायलय को बताया कि पूर्व कुलपति डाक्टर रूप रेखवर्मा भी आंदोलनकारी छात्रों के साथ मौजूद थीं तो न्यायालय ने कहा यदि साजिश में उनका हाथ है तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।