फीस वसूलने पर नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी

Edited By pooja,Updated: 19 Feb, 2019 09:51 AM

vidhan sabha passed bill to regulate fees in private schools

बिहार विधानसभा ने प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा निर्धारित सभी प्रकार की फीस के नियमन के लिए सोमवार को एक विधेयक पारित किया।  बिहार निजी स्कूल (शुल्क विनियमन) विधेयक,

पटना: बिहार विधानसभा ने प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा निर्धारित सभी प्रकार की फीस के नियमन के लिए सोमवार को एक विधेयक पारित किया।  बिहार निजी स्कूल (शुल्क विनियमन) विधेयक, 2019 पर सदन में चर्चा के बाद शिक्षा मंत्री कृष्णंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को प्रदेश में निजी स्कूलों द्वारा भारी और मनमानी शुल्क वृद्धि के संबंध में अभिभावकों और सामाजिक संगठनों से शिकायतें मिली थीं।  उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा वसूली जाने वाली हर तरह की फीस को विनियमित करने के लिए और पटना उच्च न्यायालय के अगस्त 2018 में पारित आदेश के आलोक में सरकार ने शुल्क को विनियमित करने के लिए लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक पारित किया है।  मंत्री ने कहा, हम निजी स्कूलों के साथ कोई टकराव नहीं चाहते क्योंकि उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है।  

बिहार निजी स्कूल (शुल्क विनियमन) विधेयक, 2019 के अनुसार पूर्व शैक्षणिक सत्र की तुलना में स्कूल सभी प्रकार के शुल्क में अधिकतम सात प्रतिशत तक की वृद्धि स्वयं आवश्यक्तानुसार कर सकते हैं।  विधेयक के अनुसार सरकार को समय-समय पर सात प्रतिशत की दर को पुनरीक्षित करने का अधिकार होगा।   


निजी स्कूल के शुल्क में सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की स्थिति में तथ्यों के साथ उसे वृद्धि का औचित्य दर्शाना होगा और स्कूल द्वारा सात प्रतिशत से अधिक कोई भी वृद्धि शुल्क विनियमन समिति की विस्तृत जांच के एवं मंजूरी के अधीन होगी।  शुल्क विनियमन समिति का गठन प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में की जाएगी और उसके सदस्य सचिव क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक तथा सदस्यों में प्रमंडलीय मुख्यालय के जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा नामित जिलों के निजी विद्यालयों के दो प्रतिनिधि एवं दो अभिभावक होंगे।  निजी विद्यालय के लिए बनाए गए इस अधिनियम और इसके अधीन बनायी गयी नियमावली और अधिसूचना के किसी प्रावधान का उल्लंघन करने पर प्रथम अपराध के लिए अधिकतम एक लाख रुपए एवं अगामी प्रत्येक अपराध के लिए दो लाख रुपए तथा निर्धारित दंड एक माह के भीतर नहीं जमा करने अथवा बार-बार नियमों का उल्लंघन के लिए दोषी पाए जाने की स्थिति में निजी विद्यालय अथवा सहायता पाने वाले विद्यालय की मान्यता अथवा संबंधन रद्द करने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त सरकार को अनुशंसा करेंगे। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!