Edited By pooja,Updated: 27 Jul, 2018 09:53 AM
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबंधित 51 विभागों में 157 पाठ्यक्रमों में होने वाले एमफिल के लिए 700 सीटों और पीएचडी शोधार्थियों के लिए 200 सीटों पर होने वाली
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबंधित 51 विभागों में 157 पाठ्यक्रमों में होने वाले एमफिल के लिए 700 सीटों और पीएचडी शोधार्थियों के लिए 200 सीटों पर होने वाली प्रवेश परीक्षा में ज्यादातर छात्र असफल रहे हैं। इसका कारण डीयू का आरक्षित वर्गों के छात्रों का आरक्षण समाप्त करना है, जोकि केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता था। इससे आरक्षित वर्गों के छात्रों में काफी असंतोष बना हुआ है।
नए नियमों के अनुसार एमफिल व पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में सभी उम्मीदवारों चाहे वो सामान्य वर्ग से हो या फिर आरक्षित श्रेणी से सबके लिए अब 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि इससे पहले प्रवेश परीक्षा में आरक्षित वर्ग के छात्रों को एमफिल व पीएचडी में 5 प्रतिशत अंकों की छूट दी जाती थी। उम्मीदवारों का कहना है कि इस नियम के द्वारा आरक्षित श्रेणी के छात्रों का उच्च शिक्षा में आने का मार्ग बंद किया जा रहा है। बता दें कि इसकी वजह यूजीसी द्वारा सर्विस कंडीशन के अंतर्गत छूट नहीं देना है।
हालांकि यूजीसी ने नेट और जेआरएफ प्राप्त छात्रों को इसमें प्राथमिकता देने की बात कही है। डीयू की अकादमिक परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने बताया है कि यूजीसी और यूनिवर्सिटी द्वारा रोज-रोज बदले जाने वाले नियमों से साफ संकेत है कि उच्च शिक्षा में पूरी व्यवस्था को चरमराने की कोशिश की जा रही है ताकि निजी विश्वविद्यालयों का रास्ता साफ किया जा सके।