Edited By pooja,Updated: 04 Feb, 2019 12:37 PM
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बोर्ड परीक्षा से पहले छात्रों को एक सुझाव दिया है कि वह बोर्ड एग्जाम में शॉर्टकट में उत्तर न लिखें, इससे उनको दिए जाने वाले अंक कम हो जाते हैं।
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बोर्ड परीक्षा से पहले छात्रों को एक सुझाव दिया है कि वह बोर्ड एग्जाम में शॉर्टकट में उत्तर न लिखें, इससे उनको दिए जाने वाले अंक कम हो जाते हैं। यह सुझाव सीबीएसई ने 12वीं बोर्ड के छात्रों के परीक्षा देने के तरीके पर कराए गए एक सर्वे के बाद दिया है।
बोर्ड के मुताबिक पिछले 3-4 साल में देखा गया है कि अधिकतर छात्र परीक्षा में उत्तर लिखने में शॉर्टकट का इस्तेमाल करते हैं। इसका असर उनके अंक पर पड़ता है। सर्वे में ये स्पष्ट हुआ कि 12वीं बोर्ड परीक्षा में 40 फीसदी छात्र शॉटकर्ट में उत्तर लिखते हैं और अधिकतर छात्र एक शब्द में उत्तर लिख कर काम चलाते हैं। कुछ छात्र पूरी लाइन में उत्तर नहीं देते हैं फिगर भी नहीं बनाते इससे उन्हें कम अंक मिलते हैं। इससे उनके स्टेप वाइज मार्किंग पर असर पड़ता है। जितने अंक उन्हें मिलने चाहिए उतने नहीं मिल पाते हैं।
बोर्ड ने बताया कि फार्मूला और यूनिट मिलाकर उत्तर देने पर एक अंक मिलता है लेकिन छात्र बिना फार्मूला और यूनिट लिखे उत्तर दे देते हैं। इससे उनका एक अंक कट जाता है। विषयवार कई और उदाहरण बोर्ड ने परीक्षार्थियों को देकर समझाया है। उत्तर देने की दिक्कत विज्ञान और वाणिज्य वाले छात्रों की अधिक है। बोर्ड के अनुसार वह छात्र अधिक गलती करते हैं जो पहली बार बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे होते हैं। कारण है कि छात्र का अधिकतर समय इंजीनियरिंग की तैयारी में चला जाता है। बोर्ड परीक्षा पर ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों को विस्तार से उत्तर लिखने की आदत डालें। अगर 12वीं में कम अंक आएंगे तो इसका असर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश पर पड़ता है, क्योंकि 12वीं में कम अंक आने से उनकी रैंक कम हो जाती है।