Exclusive Interview: 'ZERO' कुछ नहीं और सब कुछ भी - शाहरुख खान

Edited By Chandan,Updated: 19 Dec, 2018 10:27 AM

exclusive interview with the shahrukh khan for upcoming film zero

सितारों के ख्वाब देखने वालों, हमने तो चांद को करीब से देखा है... फिल्म ज़ीरो में शाहरुख खान जब कैटरीना की आंखों में डूबकर यह बात कहते हैं तो फैंस यूं ही उनके ख्वाबों में खो जाते हैं। बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान की फिल्म जगत में ऐसी दिवानगी है कि...

नई दिल्ली। सितारों के ख्वाब देखने वालों, हमने तो चांद को करीब से देखा है... फिल्म ज़ीरो में शाहरुख खान जब कैटरीना की आंखों में डूबकर यह बात कहते हैं तो फैंस यूं ही उनके ख्वाबों में खो जाते हैं। बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान की फिल्म जगत में ऐसी दिवानगी है कि दर्शक उनकी फिल्मों का तहे दिल से इंतजार करते है। 26 साल के बॉलीवुड करियर में शाहरुख ने दर्जनों ऐसी फिल्में दी हैं जो आज भी याद की जाती हैं।

21 दिसंबर को उनके कॅरिअर की सबसे हैवी वीएफएक्स और प्रॉस्थेटिक्स यूज वाली फिल्म ‘जीरो’ रिलीज हो रही है। आनंद एल राय की इस फिल्म में शाहरुख और कैटरीना कैफ के साथ अनुष्का शर्मा भी हैं। इस फिल्म में शाहरुख बउआ सिंह नाम के बौने शख्स का रोल निभा रहे हैं जो यूपी के मेरठ से है। अपनी इस मोस्ट अवेटेड फिल्म के प्रमोशन में जुटे शाहरुख खान ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार के साथ खास बातचीत की। 

इस कहानी में एक अलग फीलिंग है
इस फिल्म के लिए जब आनंद एल राय मेरे पास आए तो उन्होंने जो पहली बात कही, वो ये कि लोग शाहरुख खान के जिस स्टारडम को जानते हैं वो मैं आपसे इस फिल्म में छीन लूंगा। इस फिल्म में सिर्फ दिल शाहरुख खान का होगा। जब मैंने उन्हें कहानी सुनाने को कहा तो मुझे लगा वो मेरा लुक बदलने को कहेंगे लेकिन उन्होंने मुझे एक अलग ही कहानी सुनाई, वो थी बउआ की जो सुनने में काफी रोचक लगी।

ये कहानी मैने इसलिए नहीं चुनी कि ये एक बौने व्यक्ति की कहानी है बल्कि इसलिए क्योंकि इस कहानी में एक फीलिंग की बात की जा रही है जो हम सब के अंदर होती है। इस फिल्म का आइडिया यही है कि हमारी जिंदगी में जो परेशानियां आती हैं उनसे लड़ना ही हमें हीरो बनाता है।

एक नजरिया है 'जीरो'
'जीरो' फिल्म एक नजरिया है। अकसर कहा जाता है कि जीरो कुछ नहीं होता। लेकिन हमारे अनुसार जीरो सबकुछ होता है, बस फर्क होता है हमारे नजरिए का। अगर हम जिंदगी में जीरो होते हैं तो ये हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम उसे जिंदगी का अंत समझते हैं या फिर एक नई शुरुआत।

जिंदगी का नाम जिंदादिली
हमने इस फिल्म में डिस्एबिलिटी तो दिखाई है लेकिन ऑडियंस को एक भी मौका नहीं दिया है कि वो फिल्म के किसी भी कैरेक्टर पर तरस खा सकें। यही इस फिल्म की खासियत है जो हमें सिखाती है कि हमें उन चीजों के लिए अफसोस नहीं करना चाहिए जो हमारे पास नहीं है बल्कि वक्त जाया ना करते हुए जिंदगी को पूरी जिंदादिली से सेलिब्रेट करना चाहिए।

बउआ के अलग और फ्रेश किरदार
एक साल पहले हमने फिल्म का पहला लुक जारी किया। उस लुक को जिस तरह से लोगों का प्यार मिला और फिर ट्रेलर को लेकर लोगों में उत्साह दिखा उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि लोग बउआ के अलग और फ्रैश किरदार को पसंद कर रहे हैं।

अनुष्का है फिल्म की जान
जब भी कैटरीना की बात करते हैं तो दिमाग में पहली बात जो आती है वो है कि कैटरीना काफी खूबसूरत लगेंगी। इस फिल्म में आनंद ने कैटरीना को बहुत ही अलग किरदार दिया जिसे लोग पसंद करेंगे। अगर अनुष्का की बात करूं तो वो इस फिल्म का बेस्ट कैरेक्टर हैं। उन्हें इस फिल्म की जान कहा जा सकता है।

आफिया (अनुष्का शर्मा) बैलेंस ऑफ लाइफ है जिसे पता है उसकी जिंदगी में कमी है लेकिन वो हर चीज को स्वीकार करती है, उसका अफसोस नहीं करती और खुलकर अपनी जिंदगी जीती है। 

ट्रेलर से ज्यादा है स्टोरी
फिल्म की जो स्टोरी ट्रेलर में दिख रही है उससे कई ज्यादा है। कहानी भरपूर है लेकिन थोड़ी अलग भी है। ये पहली फिल्म है जिसमें तीनों कैरेक्टर स्पेशल हैं लेकिन फिर भी आपको इसमें कोई उदासी देखने को नहीं मिलेगी। फिल्म में पहले हमने यूपी खासकर वेस्ट यूपी की भाषा का ज्यादा इस्तेमाल किया था लेकिन फिर हमें लगा शायद ऐसा करने से ये फिल्म बंध जाएगी इसलिए हमने इसमें बदलाव किए और हमने सिर्फ उस अंदाज को अपनाया। 

आसान रोल लगते हैं सबसे मुश्किल
लोगों को सुनने में शायद अजीब लगे लेकिन मेरे लिए सिंपल रोल करना सबसे मुश्किल होता है। मैं अपनी फिल्मों की बात करूं तो 'स्वदेश', 'जब हैरी मेट सेजल' में मेरा किरदार मेरे लिए काफी मुश्किल था क्योंकि मैं उसमें कोई भी ऐसी चीज खुद से नहीं जोड़ सकता जो कमर्शियल पैरामीटर पर फिल्म को आगे ले जाती हो।

हमारी ऑडियंस अकसर फिल्म के हीरो को हीरो की तरह चीजें करते हुए पसंद करती है इसलिए जब हम सिंपल रोल करते हैं तो लोगों को इससे जोड़ना काफी मुश्किल होता है। इस फिल्म को लोग आनंद एल राय और राइटर हिमांशु के लिए देखें क्योंकि इन दोनों के काम ने फिल्म में एक अलग मौज दी है जिसे लोग एंजॉय करेंगे।

शाहरुख का पॉकेट एडिशन है 'जीरो'
आनंद एल राय ने मुझसे कहा जो लोगों को बहुत पसंद हो उसका एक पॉकेट एडिशन होना चाहिए यानी की एक छोटा सा शाहरुख खान भी होना चाहिए, जिसे लोग पॉकेट में रखकर घर लेजा सकें और दिल में रख सकें। इस फिल्म में मेरा हेयर स्टाइल मेरे छोटे बेटे के हेयर स्टाइल जैसा है। अबराम ने मुझसे कहा कि पापा क्या आप इसमें मेरा रोल प्ले कर रहे हो। 


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!