Film Review: फिल्म देखने से पहले पढ़ें ये रिव्यू, रिश्तों की भावनात्मक कहानी है Jersey

Edited By Deepender Thakur,Updated: 21 Apr, 2022 02:53 PM

shahid kapoor mrunal thakur and pankaj kapur jersey movie review

शाहिद कपूर की मोस्ट अवेटेड स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म ''जर्सी'' का ट्रेलर लोगों को इतना पसंद आया था कि तभी से उनमें इस फिल्म को देखने की खलबली मच गई थी। शाहिद कपूर ने एक बार फिर अपनी शानदार एक्टिंग से इस फिल्म में जान डाल दी है। पिता और बेटे के रिश्ते...

फिल्म: जर्सी (Jersey)
एक्टर: शाहिद कपूर (Shahid Kapoor), मृणाल ठाकुर (Mrunal Thakur), पंकज कपूर (Pankaj Kapur), रोनित कामरा (Ronit Kamra)
डायरेक्टर: गौतम तिन्ननुरी
रेटिंग : 4/5

ज्योत्सना रावत। शाहिद कपूर की मोस्ट अवेटेड स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म 'जर्सी' का ट्रेलर लोगों को इतना पसंद आया था कि तभी से उनमें इस फिल्म को देखने की खलबली मच गई थी। शाहिद कपूर ने एक बार फिर अपनी शानदार एक्टिंग से इस फिल्म में जान डाल दी है। पिता और बेटे के रिश्ते पर बनी इस फिल्म को आप अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं।

खास बात ये है कि बाप-बेटे के साथ- साथ फिल्म में पति-पत्नी और खिलाड़ी-कोच के रिश्ते को भी बड़ी ही खूबसूरती से दर्शाया गया है। फिल्म में शाहिद कपूर के साथ मृणाल ठाकुर अहम किरदार में नजर आएंगी। यह फिल्म तेलुगू फिल्म 'जर्सी' का हिंदी रीमेक है। गौतम तिन्ननुरी के निर्देशन में बनी यह फिल्म 22 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

कहानी

फिल्म की कहानी क्रिकेटर अर्जुन तलवार (Shahid Kapoor) की जिंदगी के ईर्द-गिर्द घूमती है। वो एक ऐसा पति है, जो अपनी पत्नी विद्या तलवार (Mrunal Thakur) की नजरों में गिर चुका है। लेकिन एक पिता के रूप मे वह अपने बेटे किट्टू (Ronit Kamra) की नजरों में हमेशा हीरो बने रहना चाहता है। जिसके लिए वो कुछ भी कर सकता है।

दरअसल, अर्जुन पूर्व रणजी क्रिकेट प्लेयर हुआ करता था, जिसने अपने करियर के पीक पर क्रिकेट खेलना छोड़कर सरकारी नौकरी करनी शुरू कर दी थी। लेकिन किसी झूठे केस में फंसकर उसकी सरकारी नौकरी भी चली जाती है। फिल्म की काहनी में इमोशनल मोड़ तब आता है, जब उसका बेटा 500 रुपए की जर्सी अपने पिता से बर्थडे पर गिफ्ट में मांग लेता है। लेकिन अर्जुन बहुत कोशिशों के बाद भी अपने बेटे के लिए जर्सी नहीं खरीद पाता। फिर भी वह अपने बेटे की नजरों में इज्जत बनाए रखने के लिए 36 साल की उम्र में फिर से क्रिकेट के मैदान कूद पड़ता है। इस दौरान कोच (Pankaj Kapur) उसका फुल सपोर्ट करते हैं । अब अर्जुन इसमें कामयाब होता है या नहीं और उसने 10 साल पहले क्रिकेट क्यों छोड़ दिया था? यह सब जानने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना पड़ेगा। 

एक्टिंग
शाहिद ने पिता और पती के किरदार को शानदार तरीके से निभाया है। हताशा हो या गुस्सा या फिर दुख, खुशी और भावनात्मक हर सीन को उन्होंने बखूबी निभाया है। वहीं विद्या के किरदार में मृणाल ठाकुर ने भी सौ प्रतिशत दिया है। इसके अलावा रोनित कामरा ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है। साथ ही कोच के किरदार में पंकज कपूर काफी अच्छो लगे हैं। 

डायरेक्शन

फिल्म का डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी काफी अच्छा है। फिल्म की शुरुआती रफ्तार थोड़ी धीमी लगती है, सेकेंड हाफ में स्पीड में आती है। वहीं सचेत-परंपरा के संगीत की बात करें तो मेहरम और बलाकी दोनों ही गाने सबके मुंह पर रटे हुए हैं। 

 

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