वायलेंट हीरो का दौर: विक्रांत के माध्यम से ताहिर राज ने दर्शकों के दिलों में बनाई जगह

Updated: 27 Nov, 2024 11:32 AM

tahir raj made a place in the hearts of the audience through vikrant

​​​​​​​हाल के वर्षों में सिनेमा और ओटीटी ने नायकों के चित्रण में बड़ा बदलाव देखा है। नैतिक रूप से जटिल और हिंसक नायकों का उदय हुआ है।

नई दिल्ली। हाल के वर्षों में सिनेमा और ओटीटी ने नायकों के चित्रण में बड़ा बदलाव देखा है। नैतिक रूप से जटिल और हिंसक नायकों का उदय हुआ है। ये किरदार अब सिर्फ 'अच्छे' या 'बुरे' नहीं होते, बल्कि वे ऐसे त्रुटिपूर्ण व्यक्ति होते हैं, जो व्यक्तिगत न्याय, बदला या अस्तित्व के लिए प्रेरित होते हैं। ऐसा ही एक किरदार है विक्रांत, जिसे ताहिर राज भसीन ने 'ये काली काली आंखें' में निभाया है। दूसरे सीजन में, विक्रांत एक बहुआयामी व्यक्तित्व बन जाता है। ताहिर के सटीक अभिनय ने इस किरदार में गहराई और वास्तविकता का भाव जोड़ा है। विक्रांत सिर्फ हालात का शिकार नहीं है, बल्कि अपनी किस्मत का स्वयं निर्माता है।

सालार और एनिमल जैसी फिल्मों में 'एंटी-हीरो' के उदय ने इस बदलाव को और स्पष्ट किया है। ऐसे किरदार, भले ही हमेशा पसंदीदा न हों, लेकिन उनकी गहराई और जटिलता दर्शकों को बांधने में सक्षम हैं। उनका हिंसक व्यवहार अक्सर उनके अंदरूनी संघर्षों या दुश्मनी भरे माहौल का प्रतीक होता है।

ताहिर राज भसीन ने विक्रांत के रूप में जो किरदार निभाया है, वह उसकी हिंसा और संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाता है, जिससे वह एक सच्चा बहुआयामी चरित्र बन जाता है।

ताहिर कहते हैं, “विक्रांत इच्छा और हताशा, प्रेम और बदले के बीच फंसा हुआ है। 'ये काली काली आंखें' में उसकी यात्रा दो सीजन तक असहायता, अपराध बोध, मुक्ति और जीवन की कठोर सच्चाइयों से गुजरती है। उसकी कमजोरियों में दर्शकों को मानवीय आत्मा की जटिलता नजर आती है। इस किरदार को मिले प्यार और प्रशंसा ने मुझे बेहद खुशी दी है।”

उन्होंने आगे कहा, “पहले सीजन में विक्रांत परिस्थितियों का शिकार है, लेकिन दूसरे सीजन में वह नियंत्रण अपने हाथों में लेता है और 'जैसे को तैसा' के सिद्धांत पर चलता है। उसकी नैतिकता की पतली रेखा उसे एक ऐसा नायक बनाती है जो प्रेम के लिए लड़ता है या फिर नष्ट हो जाता है। 'वायलेंट हीरो' का यह दौर जारी रहेगा, खासकर तब जब दर्शक ऐसी कहानियां पसंद कर रहे हैं जो सीमाओं को चुनौती देती हैं।”

ताहिर यह भी कहते हैं, “मोरल रूप से जटिल और हिंसक नायकों के प्रति यह आकर्षण सिनेमा और ओटीटी में एक व्यापक ट्रेंड को दर्शाता है। नायक अब सिर्फ अपनी अच्छाई से नहीं बल्कि अपनी कमजोरियों, संघर्षों और निर्णयों से परिभाषित होते हैं। आज का दर्शक ऐसी कहानियों को अधिक अपनाता है जो जीवन की जटिलताओं और अप्रत्याशित स्वरूप को दर्शाती हैं। यही कारण है कि 'वायलेंट हीरो', जिनके काम हिंसक हो सकते हैं लेकिन उनके दिल में करुणा होती है, अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं।”

'ये काली काली आंखें' के दूसरे सीजन की सफलता यह साबित करती है कि दर्शक अब सीधे-सादे नायकों से अधिक ऐसी कहानियां पसंद कर रहे हैं, जो वास्तविक मानवीय संघर्षों को सामने लाती हैं, जहां सही और गलत का अंतर समझना मुश्किल होता है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!