Edited By PTI News Agency,Updated: 27 Jul, 2022 06:27 PM
अहमदाबाद, 27 जुलाई (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य के भरूच जिले में पश्चिमी समर्पित माल गलियारे (डीएफसी) के लिए किसानों से अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे के संबंध में मध्यस्थ को छह महीने के अंदर मध्यस्थता कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया है।
अहमदाबाद, 27 जुलाई (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य के भरूच जिले में पश्चिमी समर्पित माल गलियारे (डीएफसी) के लिए किसानों से अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे के संबंध में मध्यस्थ को छह महीने के अंदर मध्यस्थता कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति ए एस सुपेहिया की अदालत ने मंगलवार को यह आदेश पारित किया।
अदालत ने मुआवजा राशि से असंतुष्ट भरूच के किसानों के लिए यह आदेश केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त मध्यस्थ को दिया है।
याचिकाकर्ता किसानों की भूमि का अधिग्रहण भारतीय रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजना ‘पश्चिमी डीएफसी’ के लिए किया गया था और सक्षम प्राधिकरण ने 2010 में ‘अवॉर्ड’ पारित किया था।
चूंकि किसान मुआवजे की राशि से संतुष्ट नहीं थे, उन्होंने रेलवे अधिनियम, 1989 के तहत केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त मध्यस्थ और आयुक्त, मत्स्य विभाग के समक्ष मध्यस्थता के लिए 2010 में एक आवेदन दायर किया था।
ओचन और तेलोद गांवों के किसानों द्वारा मध्यस्थ के समक्ष अपना आवेदन दायर करने के 12 साल बाद भी न तो उनपर फैसला किया गया और न ही कोई आदेश पारित किया गया।
इसके बाद किसानों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर मध्यस्थ को कार्यवाही पूरी करने का निर्देश देने की अपील की।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।