शादी के बाद पुराने दोस्तों के साथ ऐसे करें लाइफ को एन्जॉय

Edited By ,Updated: 19 Dec, 2015 04:57 PM

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दुनिया का सबसे हसीन और भरोसेमंद रिश्ता दोस्ती है। लेकिन इस रिश्ते में दरार या दूरियां तब आ जाती हैं जब दोनों में से किसी एक की शादी हो जाती है।

दुनिया का सबसे हसीन और भरोसेमंद रिश्ता दोस्ती है। लेकिन इस रिश्ते में दरार या दूरियां तब आ जाती हैं जब दोनों में से किसी एक की शादी हो जाती है। खासतौर से एक लड़के-लड़की की दोस्ती में चीजें अचानक बदल जाती हैं। लेकिन थाेड़ी सी कोशिश इस रिश्ते को आगे भी अच्छे से बढ़ा सकती है।

बैलेंस बनाएंं:-

किसी भी रिश्ते के लिए वक्त और कोशिश दोनों लगती हैं। शादी के बाद महिला हो या पुरुष दोनों का पूरा समय ऑफिस और परिवार के बीच ही बंट जाता है। ऐसे में दोस्तों के लिए समय निकाल पाना काफी मुश्किल होता है। यह वक्त और भी ज्यादा कम हो जाता है जब घर में बच्चे हो जाते हैं। लेकिन थोड़ी सी कोशिश और समझदारी से इस दूरी को कम किया जा सकता है। महीने में एक दिन भी अगर आप अपने परिवार के साथ दोस्त के परिवार से मिलने जाते हैं या उन्हें अपने घर पर बुलाते हैं तो मिलने-जुलने का सिलसिला बना रहेगा।

लिमिटेशन बनाएं:-

एेसा माना जाता है कि हर रिश्ते की एक सीमा होती है, इसी तरह से दोस्ती के रिश्ते की भी कुछ मर्यादाएं होती हैं। खासतौर से यह उस वक्त ज्यादा मायने रखती हैं, जब दोस्त मैरिड हो। दोस्तों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वक्त-बेवक्त अपने दोस्त को कॉल करके, उसे बुलाकर या फिर बिना बताए उनके घर पहुंचकर दोस्त और उसके परिवार को परेशानी में न डालें। 

प्रीयोरिटी समझें:-

स्त्री-पुरुष दोनों को ही इस बात को समझना चाहिए, कि उनकी प्राथमिकता क्या है? परिवार और मित्रों के लिए समय का निर्धारण सही तरीके से करना चाहिए। कई बार मित्रों के लिए पारिवारिक जरूरतों वाला समय दिए जाने पर पति-पत्नी और बच्चों में नाराजगी हो जाती है। वहीं कई बार जब दोस्तों को आपकी नितांत आवश्यकता होती है, तब किसी छोटी-मोटी वजह को बहाना बताकर उनकी उपेक्षा करना उनके मन में आपका विश्वास घटाता है। इसलिए किस मौके पर किसके साथ वक्त साझा करना है, इस प्राथमिकता को समझना होगा।

पति को चाहिए:-

1. पत्नी को विश्वास में लेते हुए उसे कभी- कभार अपने दोस्तों के साथ अकेले वक्त बिताने का मौका दें। महिला किटी पार्टीज इस मामले में बेहतर हैं। कभी घर पर तो कभी सहेली के यहां बीवी को ऐसे मौके दें।

2. अगर बीवी के पुरुष मित्र हैं तो बाहरी तौर पर उनकी जांच-पड़ताल कर लें, लेकिन उनके रिश्ते को शक की नजर से न देखें, क्योंकि आपकी फीमेल फ्रेंड भी किसी की पत्नी हो सकती है।

3. पत्नी के मैरिड फ्रेंड्स के फैमिली से नजदीकियां बढ़ाएं, जिससे आप दोनों के रिश्ते निजी दोस्ती से बढ़कर पारिवारिक दोस्ती में तब्दील हो सकें।

दोस्त ध्यान दें:-

1. सबसे ज्यादा जरूरी कदम दोस्तों को उठाने होते हैं। इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि अब आपके दोस्त एक ऐसे परिवार का हिस्सा बन चुके हैं, जो पूरी तरह से उन्हीं पर डिपेंड है। ऐसे में दोस्तों पर इमोशनल ब्लेमिंग न करें।

2. दोस्त को पर्सनली मिलने के बजाए उसकी पूरी फैमिली को अपनी दोस्ती के दायरे में लाएं और उन्हें इस बात का एहसास दिलाएं कि वे भी आपके लिए उतने ही मायने रखते हैं।

3. पुरुषों को चाहिए कि वह अपनी महिला मित्रों से संबंध दायरे में रखें ताकि उनका पति सहज रहे।

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