हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, 150 खेल नर्सरियां की बंद, ये है मुख्य कारण...

Edited By Priyanka rana,Updated: 25 Jan, 2020 09:25 AM

150 sports nurseries closed in haryana

हरियाणा के खेल एवं युवा मामले विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में चलने वाली करीब 150 खेल नर्सरियां बंद कर दी हैं।

चंडीगढ़(अर्चना) : हरियाणा के खेल एवं युवा मामले विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में चलने वाली करीब 150 खेल नर्सरियां बंद कर दी हैं। अब राज्य में 341 खेल नर्सरी में खिलाड़ियों को कोचिंग दी जा रही हैं। विभाग द्वारा की गई मॉनीटरिंग के बाद तैयार की गई ग्राऊंड रिपोर्ट्स के आधार पर यह नर्सरी बंद कर दी गई हैं। दिसम्बर 2017 में सरकार ने जिला स्तरीय शिक्षण संस्थानों में करीब 500 नर्सरी खोली थीं। 

प्रत्येक जिले में 20-20 नर्सरी खोलने का निर्णय लिया गया था। नर्सरियों में कोच की कमी, खेल उपकरणों के अभाव के साथ नर्सरी में खिलाडिय़ों की हाजिरी के फर्जीवाड़े सामने आ रहे थे। सूत्रों का कहना है कि जिन शिक्षण संस्थानों में खेल नर्सरी शुरू की गई थी उन संस्थानों और नर्सरी के प्रशिक्षकों के बीच विवाद के चलते खिलाडिय़ों की हाजिरी भेजी नहीं जा सकी। 

नर्सरी में बच्चों के लिए खेल उपकरणों की खरीददारी नहीं हो सकी जबकि विभाग ने जिला स्तरीय कमेटियों का उपकरणों की खरीद के लिए गठन भी किया था। सिर्फ इतना ही नहीं नर्सरी में कोच का खेल कुछ और था जबकि बच्चे किसी अन्य खेल खेलने में रूचि रखते थे। 

खेल नर्सरियों में 10,000 बच्चे ले रहे हैं प्रशिक्षण :
हरियाणा खेल एवं युवा मामले के निदेशक भूपेंद्र सिंह का कहना है कि बेशक 150 खेल नर्सरियां बंद की हैं परंतु आने वाले समय में उससे कहीं ज्यादा खेल नर्सरियां खोलने की योजना है। मौजूदा समय में 341 नर्सरी जो चल रही हैं उनकी भी नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है। 

विभाग द्वारा स्कूलों को समय-समय पर कहा जाता है कि जो खेल नर्सरी खोलना चाहते हैं वह आवेदन दें। उनका कहना है कि खेल नर्सरी में जूनियर लेवल से खिलाडिय़ों की पौध तैयार की जाती है, उन्हें खेल का प्रशिक्षण दिया जाता है। मौजूदा समय में हरियाणा में 9 से 10 हजार से बच्चे नर्सरियों में खेल रहे हैं। 

अब नहीं चल सकेगा खेल नर्सरियों का फर्जीवाड़ा, रखी जा रही पैनी नजर :
हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि विभाग ने 150 खेल नर्सरियां जो बंद की हैं वह फर्जीवाड़ा कर रही थी। कहीं बच्चों की हाजिरी गायब थी, कहीं नहीं थे और कहीं ग्राउंड की समस्या मिली थी। खिलाड़ी समय पर खेल प्रशिक्षण भी हासिल नहीं कर रहे थे परंतु पिछले 2 महीनों में खेल नर्सरियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। 

मौजूदा खेल नर्सरियों में कोच और खिलाड़ी नियमों को ध्यान में रखते हुए कोचिंग भी प्रदान कर रहे हैं और खिलाड़ी बच्चे खेल भी रहे हैं। कोचिंग भी निर्धारित समय के अनुरूप दी जाने लगी है। मंत्रालय चाहता है कि खिलाडिय़ों की पौध के प्रशिक्षण के लिए जमीनी स्तर पर काम किए जाएं। उनका कहना है कि हरियाणा के युवा खेलों में खूब नाम कमा रहे हैं और जल्द ही नए खेलों को भी हरियाणा से जोडऩे पर काम किया जाएगा। 

कई खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लहरा चुके हैं राज्य का परचम :
हरियाणा के विभिन्न जिलों में चलने वाली प्रत्येक खेल नर्सरी में करीब 25 खिलाडिय़ों का रखना अनिवार्य है। खेल नर्सरी में विभाग 8 से 14 साल के खिलाड़ी को 1500 रुपए, 14 से 19 साल के खिलाड़ी को दो हजार रुपए डाइट के लिए दिए जा रहे हैं। एन.आई.एस. कोच को 25 हजार, बी.पी.एड. व नैशनल कोच को 20 हजार रुपए महीना दिए जा रहे हैं। हरियाणा ऐसा राज्य है जहां के खिलाड़ी खेल की वजह से देश विदेश में हरियाणा का परचम लहरा चुके हैं। 

खेल विभाग की मानें तो हरियाणा में चलने वाली खेल नर्सरियों में खिलाड़ी अपनी अपनी पसंद के अनुरूप खेल खेलना पसंद कर रहे हैं। सोनीपत, रोहतक, झज्जर, भिवानी, दादरी, जींद, हिसार, कैथल, करनाल और कुरुक्षेत्र की खेल नर्सरियों में कुश्ती के शौकीन हैं। 

हॉकी को सिरसा, भिवानी, रोहतक, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, हिसार और गुरुग्राम की नर्सरियों में खिलाड़ी खेलना पसंद करते हैं। बॉक्सिंग के लिए भिवानी, दादरी, रोहतक, हिसार, जींद, कैथल, पानीपत, सोनीपत के खिलाडिय़ों में दीवानगी है। बैडमिंटन में पंचकूला, करनाल, हिसार, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत के खिलाडिय़ों का रूझान है। 

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