Edited By ,Updated: 19 Jun, 2015 01:13 PM
क्लोन तकनीक की सफलता में एक और नया अध्याय जुड़ गया है।
करनाल (कमल मिड्ढा): क्लोन तकनीक की सफलता में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। करनाल स्थित एन.डी.आर.आई. के वैज्ञानिकों ने फिर करिश्मा कर दिखाया है।
संस्थान में क्लोन तकनीक से पैदा हुए बैल "श्रेष्ठ" के सिमन से कटड़ी पैदा हुई है। दुनिया भर में किसी क्लोन बैल के सीमन से पैदा होने वाली यह अपनी तरह की पहली डिलीवरी है। इससे पहले एन.डी.आर.आई. की सफलता उस समय सामने आई, जब यहां के वैज्ञानिकों की मदद से क्लोन भैंस "गरिमा 2" ने 25 जनवरी 2013 को महिमा और 27 दिसम्बर 2014 को करिश्मा को नामक बच्छड़ियों को जन्म दिया था। ये कटड़ी हालांकि इसी वर्ष 29 मार्च को पैदा हुई थी लेकिन उसके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इतने महीनों तक वैज्ञानिकों ने इसे गोपनीय रखा।
वही, संस्थान के निदेशक डॉ ए के श्रीवास्तव ने बताया कि ये संस्थान के वैज्ञानिकों की एक बड़ी कामयाबी है। इसने साबित कर दिया है कि क्लोन बैल भी प्रजनन प्रक्रिया में कामयाब भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि नवजात पूरी तरह स्वस्थ है और उसे वैज्ञानिकों की टीम की कड़ी निगरानी में रखा गया है। श्रेष्ठ बैल के सीमन से 4 और भैंसों ने गर्भधारण किया है।
गौरतलब है कि एन.डी.आर.आई. संस्थान डेयरी सैक्टर में स्थापित देश का सबसे बड़ा संस्थान है और इस पर देश को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की अहम् जिम्मेदारी है, जिसके चलते यहां के वैज्ञानिकों ने दूध पर शोध कर ऐसे अनेकों उत्पाद तैयार किए है, जिनमें कैल्शियम से लेकर आयरन तक प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यही नहीं संस्थान ने देश में पशुओं की नस्ल सुधार और संवर्धन के लिए क्लोन तकनीक के द्वारा भविष्य में पशु पालन के क्षेत्र में सम्भावनाओं के नए द्वार भी खोल दिए हैं।