गाय के गोबर से बनी खाद को किसानों तक पहुंचाएगी हरियाणा सरकार : कृषि मंत्री

Edited By Archna Sethi,Updated: 20 Oct, 2021 08:40 PM

cow dung manure

जैविक खेती अपनाने एवं गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंग

चंडीगढ़, (अर्चना सेठी)- हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा कि प्रदेश के किसानों को जैविक खेती अपनाने एवं गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। दलाल ने यह बात आज यहां रासायनिक डी.ए.पी. के विकल्प जैविक प्रोम के भविष्य की कार्य योजना पर आयोजित ऑनलाइन वैबीनार में वर्चुअल माध्यम से कही।

 

उन्होंने कहा कि गौ अनुसंधान केंद्र में तैयार और डी.ए.पी. के विकल्प जैविक प्रोम का सर्टीफिकेशन किया जाए। इस खाद के मानक प्रमाणित होने पर हरियाणा सरकार प्रमाणिक तौर पर तैयार खाद को किसानों तक पहुंचाएगी। यह जैविक खेती में एक जबरदस्त क्रांति का काम करेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हमें पारंपरिक गौ आधारित खेती पर जोर देना होगा। फास्फेट आधारित गाय के गोबर से बनी इस प्रोम खाद को पूरी तरह से किसी विश्वसनीय लैब से टैङ्क्षस्टग करवाई जानी चाहिए तथा खेतों में इसका एक ट्रायल के तौर पर प्रयोग करके किसानों को इस तरह के खाद की आवश्यकता से रूबरू करवाना होगा। यह खाद निश्चित तौर पर रासायनिक डी.ए.पी. से काफी सस्ती व ज्यादा कामयाब साबित हो सकती है। अगर हम इस दिशा में कामयाब होते हैं तो निश्चित तौर पर हरियाणा देश में पहला राज्य होगा।

 

 

जैविक खेती आज के समय की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए हरसंभव कदम उठाने को कृत संकल्प है और जैविक खेती आज के समय की आवश्यकता है। गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए गाय के गोबर से जैविक खाद तैयार करने और गौमूत्र के प्रासंगिक उपयोग के लिए अनुसंधान पर अधिक जोर दिया जाएगा। आधुनिक समय में निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि की उर्वरा शक्ति का संरक्षण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती की राह अत्यंत लाभदायक है।

 

मानव जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए नितांत आवश्यक है कि प्राकृतिक संसाधन प्रदूषित न हों, शुद्ध वातावरण रहे एवं पौष्टिक आहार मिलता रहे, इसके लिए हमें जैविक खेती की कृषि पद्धतियां को अपनाना होगा जो कि हमारे प्राकृतिक संसाधनों एवं मानवीय पर्यावरण को प्रदूषित किए बगैर समस्त जनमानस को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवा सकें। दलाल ने कहा कि रासायनिक खादों से जमीन की उपजाऊ शक्ति कम होने के साथ-साथ फसलों की पैदावार भी कम होती जाती है और पर्यावरण भी दूषित होता है जिससें बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है इसलिए किसानों को अपनी फसलों में जैविक खाद को बढ़ावा देना चाहिए।

जैविक खेती के विभिन्न आयामों पर चल रहा काम
हरियाणा गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय के गोबर को भी धन माना गया है। हजारों वर्षों से हमारी कृषि गोबर, गौमूत्र पर आधारित रही है। विभिन्न संगठनों द्वारा जैविक खेती के विभिन्न आयामों पर कार्य चल रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डा. केतकी बापट, भारत सरकार के पशुपालन आयुक्त डा. प्रवीन मलिक, हरियाणा पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक डा. हरदीप ङ्क्षसह सहित अन्य अधिकारी वैबीनार में वर्चुअल माध्यम से जुड़

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