अब मुख्यालय से होगी डी.टी.पी. दफ्तरों की निगरानी

Edited By Vikash thakur,Updated: 10 Oct, 2020 07:03 PM

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प्रदेश के सभी 22 जिलों के डी.टी.पी. दफ्तरों में सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाने के आदेश भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों पर निदेशक ने लिया संज्ञान, मुख्यालय में भी कार्ड से होगी आवाजाही

चंडीगढ़, (अविनाश पांडेय): हरियाणा के सभी जिला नगर योजनाकार (डी.टी.पी.) दफ्तरों की निगरानी अब सीधे चंडीगढ़ मुख्यालय से की जाएगी। इसके लिए सभी 22 जिलों के डी.टी.पी. दफ्तरों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने के आदेश दिए गए हैं। इन कैमरों का रिमोट विभाग के महानिदेशक के हाथों में होगा जो अपने दफ्तर से ही सभी डी.टी.पी. दफ्तरों की कार्यप्रणाली को देखते रहेंगे। वहीं चंडीगढ़ मुख्यालय में भी आगंतुकों को अब बिना अप्वाइंटमैंट एंट्री नहीं मिल मिलेगी। यहां पर कार्ड सिस्टम से एंट्री की योजना तैयार की जा रही है, जिसमें कर्मचारी से लेकर सभी अधिकारी भी इस दायरे में शामिल होंगे। विभागीय अफसरों का मानना है कि इस सिस्टम के प्रभावी होने से दफ्तरों में पारदॢशता आएगी और किसी भी काम से आने वाले लोगों के प्रति कर्मचारियों की जवाबदेही भी तय होगी।
गौरतलब है कि पूर्व की सरकारों से लेकर मौजूदा सरकार में भी टाऊन एंड कंट्री प्लाङ्क्षनग डिपार्टमैंट को काफी अहम माना जाता है। इसी विभाग से ही बिल्डरों के लाइसैंस से लेकर विभिन्न तरह के निर्माण कार्यों के लिए सी.एल.यू. जारी की जाती है। प्रदेश में भाजपा सरकार आने से पहले भाजपा सहित अन्य विरोधी दलों की ओर से तत्कालीन हुड्डा सरकार पर इसी विभाग के जरिए भ्रष्टाचार सहित तमाम तरह से आरोप लगाए जाते रहे हैं। करीब 6 वर्ष पहले प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद इस महकमे की छवि सुधारने को लेकर कई तरह के प्रयास किए गए। विभिन्न अवसरों पर मुख्यमंत्री सहित सरकार के प्रतिनिधियों की ओर से भ्रष्टाचार नहीं होने के दावे भी किए जाते रहे हैं। लिहाजा अब विभाग की ओर से पारदर्शी सिस्टम लाने की कवायद शुरू की गई है।

 


प्रदेश के सभी डी.टी.पी. दफ्तरों में कैमरे लगाने के पीछे भ्रष्टाचार को खत्म करना बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री से लेकर विभाग के उच्चाधिकारियों के पास तमाम जिलों से कर्मचारियों और अफसरों पर भ्रष्टाचार के मामले आते रहते हैं। ऐसे में इन अफसरों पर शिकंजा कसने के लिए विभाग ने सी.सी.टी.वी. कैमरे से निगरानी करने की योजना तैयार की। इस कवायद का मकसद दफ्तर में पारदॢशता लाना और कर्मचारियों व अफसरों की कार्यशैली को जांचना है।
रजिस्ट्रियों में एन.ओ.सी. की अनिवार्यता से डी.टी.पी. दफ्तरों में बढ़ा वर्क लोड 
निकाय क्षेत्रों से बाहर की जमीनों की रजिस्ट्री के लिए अब टाऊन एंड कंट्री प्लाङ्क्षनग डिपार्टमैंट से एन.ओ.सी. लेने को अनिवार्य किया गया है। तहसीलों में रजिस्ट्री के लिए जो सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है उसमें डी.टी.पी. दफ्तर की जिम्मेदारी बढ़ गई है। सरकार ने यह भी मसौदा तैयार किया है कि यदि तय समय में एन.ओ.सी. नहीं जारी की जाती तो उसे डीम्ड एप्रूवल माना जाएगा जिसकी जिम्मेदारी डी.टी.पी. की तय की गई है।

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