Edited By ,Updated: 09 Mar, 2017 09:49 AM
हरियाणा के किसानों व मजदूरों ने मजदूरों-किसानों की रोजी रोटी पर हो रहे हमलों के खिलाफ बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन का आयोजन हरियाणा के 9 मजदूर व किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से किया था।
चंडीगढ़ (संघी): हरियाणा के किसानों व मजदूरों ने मजदूरों-किसानों की रोजी रोटी पर हो रहे हमलों के खिलाफ बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन का आयोजन हरियाणा के 9 मजदूर व किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से किया था। प्रदर्शन से पहले किसान-मजदूरों ने सैक्टर-17 में जनसभा की। जिसकी अध्यक्षता 9 सदस्यीय अध्यक्षमंडल ने की। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए संगठन नेताओं ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसान व मजदूरों को किसी भी प्रकार की राहत देने में विफल रही है। खेती में भारी संकट है, विशेषकर गन्ना व सब्जी उत्पादक की बुरी हालात हैं। फसल बीमा के नाम पर प्राइवेट बीमा कंपनियों ने करोड़ों रुपए की किसानों से वसूली की है परंतु खराब फसलों का मुआवजा देने से मना कर रही है। मजदूरों व उनके अधिकारों पर कुठाराघात किया जा रहा है। पूंजीपतियों के हित में श्रम कानून बदले जा रहे हैं।
संगठन नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए वाॢषक बजट में आम जनता को राहत पहुंचाने की एक भी घोषणा नहीं की गई है। राज्य में भयंकर बेरोजगारी है, लाखों बंरोजगार युवा धक्के खा रहे हैं। भाजपा सरकार नए रोजगार तो दे ही नहीं रही है, बल्कि ठेके व आऊटसोर्स के नाम पर कर्मचारियों से भारी बेगार करवा रही है व भयंकर शोषण कर रही है। रोजगार के संकट के चलते लोगों के गुस्से का फायदा उठाकर जनता में जातीय तनाव पैदा करने के प्रयासों को हवा दे रही है। यही नहीं कानून-व्यवस्था की हालात बेहद खराब है आए दिन दलितों व महिलाओं पर हमले हो रहे हैं व राज्य सरकार इसे रोकने में नकारा साबित हो रही है।
प्रदर्शनकारी किसान-मजदूर के बीच सरकार की ओर से हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमैन जवाहर सिंह यादव ने ज्ञापन लिया। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रतिनिधिमंडल को समय दिया जाएगा।