सरकार चाहे 1000 केस दर्ज कर ले, झुकेंगे नहीं : हुड्डा

Edited By ,Updated: 23 Dec, 2015 08:48 AM

former chief minister bhupinder singh hooda

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पंचकूला के औद्योगिक प्लाटों की अनियमितता के जांच मामले में नाम घसीटे जाने पर मौजूदा भाजपा सरकार पर जमकर भड़के।

चंडीगढ़(बंसल): पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पंचकूला के औद्योगिक प्लाटों की अनियमितता के जांच मामले में नाम घसीटे जाने पर मौजूदा भाजपा सरकार पर जमकर भड़के। अपने निवास पर उन्होंने कहा कि जनता की ताकत मेरे साथ और सत्ता के ताकत भाजपा के पास है, और ऐसे केसों से वह डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि चाहे हजार केसों में उनका नाम डाल लें, न तो वह दबने वाले हैं और न ही दबेंगे। वह स्वतंत्रता सेनानी परिवार से संबंध रखते हैं, इसलिए लोगों की आवाज को ऐसे ही उठाते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि केस के विरुद्ध लड़ाई वह कोर्ट में लड़ेंगे और जनता की लड़ाई वह सड़कों पर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि 10 साल उनकी सरकार रही, किसी के खिलाफ भी राजनीतिक दुर्भावना के तहत केस दर्ज नहीं किए गए जबकि भाजपा सरकार के केंद्रीय मंत्री से लेकर प्रदेश मंत्री यही बयान देते हैं कि कांग्रेस के नेताओं को जेल में डालेंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भाजपा ने राजनीतिक दुर्भावना के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज किया है जबकि इस केस की जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से ही मिली है।

हुड्डा ने कहा कि सरकार ने पहले मानेसर के औद्योगिक क्षेत्र का मामला, रैक्सिल दवा घोटाला का मामला सी.बी.आई. को रैफर किया  तथा अब पंचकूला के औद्योगिक प्लाटों का मामला सी.बी.आई. को सौंपने जा रही है, जबकि तीनों ही मामले कोर्ट में चल रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार की अनुभवहीनता कहे या फिर सरकार को कोर्ट पर विश्वास नहीं कि जो मामले कोर्ट में चल रहे हो, उनकी जांच किसी एजैंसी को रैफर नहीं की जाती।

नैशनल हेराल्ड को प्लाट आबंटित किए जाने के सवाल पर कहा कि सरकार बेशक इस मामले की भी जांच करवा लें, कोई गलत काम नहीं किया है। कांग्रेस विधायक करण दलाल ने कहा कि चंडीगढ़ में ताऊ देवी लाल इंस्टीच्यूट के नाम प्लाट अलाट किया गया जबकि उस प्लाट को लेकर काफी आपत्तियां थी, केंद्र में तब भाजपा सरकार थी और गुडग़ांव में जनसंदेश को प्लाट अलाट किया गया, इस बात को भाजपा नेता क्यों नहीं उठा रहे। उन्होंने कहा कि इन प्लाटों की भी जांच की जाए कि आपत्तियों के बावजूद कैसे अलॉट हो गए।

हुड्डा ने कहा कि गीता जयंती का बहिष्कार नहीं किया है, बल्कि सरकारी कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। उन्होंने कहा कि कैंसर इंस्टीच्यूट के उद्घाटन अवसर पहले दीपेंद्र को निमंत्रण और फिर उस निमंत्रण का रद्द कर दिया गया। इस बात को लेकर कांग्रेस विधायकों ने सरकारी कार्यक्रमों के बहिष्कार का निर्णय लिया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उनकी सरकार चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह, चंडीगढ़ एयरपोर्ट रखना चाहती थी जबकि पंजाब सरकार शहीद भगत सिंह एयरपोर्ट, मोहाली रखना चाहती है, जबकि मौजूदा हरियाणा सरकार शहीद भगत सिंह की बजाय एयरपोर्ट का डा. मगल सेन के नाम पर रखना चाहती है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश में डा. मंगल सेन के नाम से कोई बड़ा प्रोजैक्ट लगाए, क्योंकि मंगल सेन प्रदेश के बड़े सम्मानित व्यक्ति थे। पूरा हरियाणा उनका सम्मान करता है, लेकिन एयरपोर्ट का नाम मंगल सेन के नाम पर नहीं, बल्कि शहीद भगत सिंह के नाम पर ही रखा जाना चाहिए। सी.एल.यू. के सी.डी. कांड फंसे पांचों पूर्व विधायकों ने आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मंत्रणा की। इन पूर्व विधायकों में राव नरेंद्र, विनोद भ्याणा, नरेश सेलवाल, रामनिवास घोड़ेला व जरनैल सिंह शामिल है। इन विधायकों ने कानूनविदों से भी सलाह-मशविरा किया है। सूत्रों की मानें तो हुड्डा ने भी आज कुछ कानूनविदों के साथ सलाह-मशिवरा किया है।

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